Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 20 Dusra Devdas
12th-grade Hindi Antra is a key component of this curriculum. It has outstanding chapters based on works of art written by well-known authors from various eras. The anecdote that describes the author’s experience is discussed in Chapter 20. Download and answer the important question that Extramarks’ experts created to adequately prepare for this chapter. For ease of understanding the context of this chapter, these questions and answers adhere to the CBSE Class 12 Hindi norms.
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CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 20 Dusra Devdas
Study Important Questions for Class 12 Hindi (Antra) Chapter – 20 दूसरा देवदास
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
1) मनोकामना हेतु लाल-पिले धागे कितने रूपये मे बिक रहे थे ?
उत्तर: मनोकामना के लिए लाल-पिले धागे सवा रुपये में बिक रहे थे।
2) मंसा देवी किस रूप में विराजमान थी ?
उत्तर: मंसा देवी ही चामुंडा देवी के रूप में विराजमान थी।
3) रोपवे किस कम्पनी का था ?
उत्तर: रोपवे ‘ उषा ब्रेको सर्विस ‘ नाम की कंपनी की था|
4) लाउडस्पीकर मे किसका स्वर गूंजा करता था?
उत्तर: लाउडस्पीकर में लता मंगेशकर जी की मधुर आवाज़ गूंज रही थी।
5) लाल रंग का कलावा बाँधने के लिए पंडित जी को संभव ने कितने रूपये का नोट दिया था ?
उत्तर: संभव ने दो रुपये का नोट पंडित जी को लाल रंग का कलावा बांधने के लिए दिया था।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
6) गंगा घाट पर किस – किस देवता की मूर्ति रखी हुई थी ?
उत्तर: गंगा घाट पर गंगा की मूर्ति के साथ कई मूर्तियां स्थापित थी जिनमें चामुंडा, बालकृष्ण, राधाकृष्ण, हनुमान और सीताराम की मूर्तियां थी।
7) लोग वहाँ आरती करने क्यों आते थे ?
उत्तर: कई बार इंसान ईश्वर के द्वार पर मनोकामना करता है और उनके पुरे होने पर धन्यवाद करने तथा मांगी गई मन्नत को पूरा करने के लिए गंगा घाट पर आरती पर जाया करते हैं।
8) संभव क्या काम करता था ? उसकी शिक्षा के बारे मे बताइये |
उत्तर: उम्र के तौर पर संभव ज्यादा बड़ा नहीं था अथवा उसने एम. ए. किया था। संभव सिविल सर्विस की परीक्षा में बैठने वाला था।
9) संभव को रात को नींद क्यों नहीं आती थीं ?
उत्तर: संभव की नींद खो चुकी थी और उसके मन में सिर्फ पारो का ख्याल था, उसे लगने लगा की वह उससे प्रेम करने लगा है।
10) रुद्राक्ष की मालाओं वाली गुमटी पर क्या लिखा हुआ था ?
उत्तर: वहां कई मालाएं मौजूद थी और दस रुपये से लेकर तीन हज़ार तक की मालाओं पर लिखा था ‘ असली रुद्राक्ष, नकली साबित करने वाले को पांच सौ रुपए का इनाम मिलेगा’।
लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)
11) गंगापुत्र कौन होते थे ? उनकी आजीविका कैसी चलती हैं ?
उत्तर: लेखिका के उन लड़कों को गंगापुत्र के नाम से उल्लेख किया है क्योकि उन्होंने गोताखोरी करके दिए के दानो को पकड़कर उनमें रखे चढ़ावे के पैसों को उठाकर मुँह में दबा लेते हैं और इन्हीं पैसे से उनकी आजीविका का साधन है। वही खुले पैसे अपनी पत्नियों व बहनों को देते हैं। तभी जीवन की नाव चलती रहती है।
12) संभव केबिल कार में बैठकर क्या सोच रहा था?
उत्तर: संभव केबल कार में बैठने के बाद अपनी पारो के बारे में सोच रहा था। उसके मन के अंदर सिर्फ उस लड़की की छवि याद कर रहा था। संभव वह पारो से ही मिलने गया था। संभव जिस केबल कार में था उसका रंग लड़की की गुलाबी साड़ी के रंग के सामान था।
13) पुजारी के ‘ सुखी रहो , फूलोफलो ‘ आशीष सुनकर लड़की क्यों अटपटा गई ?
उत्तर: पुजारी के दिए आशीर्वाद के वक़्त ‘सुखी रहो फूलो-फलो’ का सुनकर लड़की अटपटा गई क्योकि वह दोनों ही युगल नहीं थे परन्तु पुजारी के कहने का अर्थ था की वह ज़िन्दगी भर खुश रहे। यह सच है की जबकि वह साथ नहीं थे और इसी कारण वह दोनों पुजारी के आशीर्वाद से सेहम गए थ।
14) पारो बुआ का नाम सुन संभव असहज हुआ और विचारो में खो गया |
उत्तर: पारो बुआ का नाम सुनकर संभव खुदको देवदास समझने लगा। जैसी कहानी देवदास और पारो की थी ठीक वही कहानी संभव भी अपने दिमाग में सोचने लगा था जो उसे घाट पर मिली थी।
15) संभव की कौन-सी मनोकामना परिणाम लेकर आयी जिस परिणाम से वह बहुत खुश हुआ ?
उत्तर: संभव ने अपने दिल में मनोकामना की थी की वह लड़की से मिल पाए जो उसको घाट पर मिली थी। शयद यह ईश्वर की ही कृपा थी वह मिल पाए। संभव को इस परिणाम से बहुत ज़्यादा आनंदित था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5अंक)
16) गंगा जी की आरती का वर्णन पाठ के आधार पर कीजिए |
उत्तर: हर की पौड़ी- पौड़ी शाम बहुत अलग और रंग की होती है। शाम के पांच बजते ही फूलों की कीमत दुगनी हो जाती है। गंगा सभा के भीतर सेवक खाकी वर्दी में घूमते हैं। सभी को शांत रहने की बात बताई जाती है। कुछ भक्त स्पेशल आरती का बोल रखा था जो की १०१ या १५१ की पूजा होती है। आरती से पूर्व होता है स्नान जब पंडित चन्दन और सिंदूर का तिलक करते है। उस समय हज़ारो दिप एक साथ जल उठते हैं और आरती शुरू हो जाती है , घंटे घड़ियाल ज़ोरो से बजते हैं और गंगा में छोटी-छोटी कश्ती लहराती हुई दिखती है।
17) मन्नत की गाठो का असर भी तुरंत हो जाता है पाठ के आधार पर इसके समर्थन मे अपने विचार दे |
उत्तर:
संभव के मंसा देवी के मंदिर में प्रवेश करते ही उसने लोगों को लाल-पिले रंग के धागों को बांधते हुए देख जो की मनोकामना के लिए होता है। उसी प्रकार संभव नें धागा लेकर गाँठ बाँधी और बांधते समय उसने पारो के बारे में सोचा था की काश पारो उसे मिल जाती। अभी कुछ ही वक़्त बिता था की प्रभु ने उसकी सुन ली और शीघ्र पारो के दर्शन हो गए जैसे उसने चाहा उसे प्राप्त हो गया।
18) पाठ का नाम ‘दो वरदान ‘ ना रखकर ‘एक और देवदास ‘ रखना कहा तक उचित हैं ? टिप्पणी करे
उत्तर: कहानी ‘दूसरा देवदास’ का शीर्षक है किकिसी भी कहानी का शीर्षक या तोह घटना विशेष होता है या भी प्रतीकात्म या फिर पात्र के नाम पे आधारित होता है। देवदास शब्द उन्हें कहा जाता है जो प्रेमिका को प्यार करे|
19) संभव पारो को एक नज़र देख विचलित हो जाता है उसकी मनोदशा को समझाइए |
उत्तर: संभव एक नौजवान था और किसी भी लड़की की ओर देख कर उसे ऐसा अनुभव नहीं हुआ था पर पारो के साथ कुछ अलग था। पारो को देखने के बाद मानों संभव को किसी ने दिल में दस्तक दी। पारो से संभव को पहली नज़र में प्यार हो गया था। इस कारण उसका मन उसे देखने के लिए विचलित हो रहा था और वह तरकीबे निकलने चला था। पारो के प्रेम में संभव इस तरह पागल हो गया था की उसकी नींद जा चुकी थी।
20) ममता कालिया जी का जीवन परिचय लिखिए|
उत्तर: ममता कालिया का जन्म २ नवंबर, १९४० में वृन्दावन में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली, मुंबई, पुणे , नागपुर, और इंदौर जैसे शहरों से पूरी की थी। ममता जी ने अंग्रेजी विषय में एम. ए. किया था और दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की प्राध्यापिका रही। साल १९६६ से १९७० तक SNDT महिला विश्वविद्यालय मुंबई में अध्यापन कार्य १९७३ से २००१ तक सेवा सदन कालेज इलाहबाद में प्रधानचार्य रह चुकीं हैं।
ममता जी ने 2003 से 2006 तक भारतीय भाषा परिषद् कलकत्ता की निदेशक रही | कई समय तक दिल्ली से उन्होंने स्वतंत्र लेखन किया। उपन्यास – बेघर, नमक का दरोगा, एक पत्नी के नोट्स प्रेम कहानी ,लड़कियाँ ,दौड़ ; कहानियां – 12 कहानी – संग्रह प्रकाशित है जो सम्पूर्ण कहानियां नाम से दो खंड में प्रकाशित है | उनकी लिखी कविता में ‘पच्चीस साल की लड़की, थिएटर और रोड के कौवे प्रसिद्द है। कथा साहित्य के अंदर उल्लेखनीय योगदान के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में साहित्य भूषण में तथा वहीं से कहानी सम्मान 1989 में प्राप्त हुआ |
ममता जी ने कथा-साहित्य के अंतरगर्त हाड़मांस की स्त्री का उल्लेख किया। जीवन के जटिलताओं के भीतर जी रहे पात्र एक निर्भय और श्रेष्ठतर सुलूक की माँग करते हैं जहाँ आक्रोश और भाव का स्थान सत्य और संतुलन का आग्रह है। उन्होनें अपनी रचनाओं में रोजमर्रा के संकटों और संगर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभरा और अपनी रचनाओं में रेखांकित किया की पुरुष और स्त्री का संघर्ष अलग नहीं , कमतर नहीं बल्कि समाजशास्त्रीय अर्थों में ज़्यादा विकट और महत्तर है।