Class 12 Hindi NCERT Solutions for Antra Chapter 6 Poem Toro – Basantaya
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Study Important Questions Class 12 Hindi Chapter – 6 वसंत आया/तोड़ो
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (अंक 1)
- तोड़ो…………….. कविता है।
उत्तर: उद्बोधनपरक
- निम्न शब्दों के विलोम शब्द लिखिये।
अभ्यास, बंजर, ऊसर
उत्तर: अभ्यास-अनभ्यास
बंजर-उर्वरा
ऊसर- उर्वर
- निम्न शब्दों के शब्दार्थ लिखिये।
पिक, नगण्य, तरुवर
उत्तर: पिक – कोयल
नगण्य – तुच्छ
तरुवर – वृक्ष
- निम्न शब्दो के पर्यायवाची लिखिये
मिट्टि, नहाई, ऊब
उत्तर: मिट्टी- मिट्टी, मृदा, मृत्तिका
नहाई- नहाना, मज्जन, आप्लाव
ऊब- उकताहट, बोरियत, खिन्नता
- निम्न पंक्ति में रिक्त स्थान की पूर्ति करो।
चलती सकड़ के……………… पाँव तले
उत्तर: चलती सड़क के किनारे लाल बजरी पर चुमुराये पाँव तले
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- ‘वसंत आया’ कविता के माध्यम से कवि क्या सन्देश देना चाहता है?
उत्तर: ‘वसंत आया’ कविता के माध्य्म से कवि प्रकृति और मानव के मध्य ख़त्म होते रिश्ते को दर्शाना चाहता है|
- निम्न पंक्तियों का क्या आशय है?
“यही नही जाना था कि आज के नगण्य दिन जानूंगा
जैसे मैंने जाना कि वसंत आया”
उत्तर: कवि का आशय है कि उसने कभी नहीं सोचा था कि वसंत के आने का पता उसे दफ्तर के कलेंडर की छुट्टी से चलेगा|
- ’वसंत आया’ कविता की विशेषता क्या है?
उत्तर: वसंत आया कविता में निम्न विशेषताएं हैं –
- ’वसंत आया’ कविता में वसंत ऋतू का सजीव चित्रण किया गया है|
- यह एक छंद मुक्त कविता है|
- कविता में अलंकारों का सुन्दरता से उपयोग किया गया है|
- कविता ‘तोड़ो’ के माध्यम से कवि क्या सन्देश देते हैं?
उत्तर: ‘तोड़ो’ कविता के माध्यम से कवि हमारा आवाहन करते हैं और हमें अपनी विघ्न और बाधाओं को तोड़ कर ख़त्म कर देने के लिए प्रेरित करतें हैं|
- ‘तोड़ो’ कविता के माध्यम से कवि मनुष्य से क्या कहता है?
उत्तर: ‘तोड़ो’ कविता के माध्यम से कवि मनुष्य से कहता है कि रास्ता बनाने के लिये मार्ग में अवरोध पैदा कर रहे पत्थर और चट्टानों को तोडना पड़ता है| जीवन की बाधाएं भी इन पत्थर और चट्टानों की तरह ही हैं| यदि जीवन में आगे बढ़ना है तो इन बाधाओं को भी चट्टानों और पत्थरों की तरह तोड़ना पड़ेगा|
लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)
- इन पंक्तियों का भावार्थ लिखो।
“जैसे बहन ‘दा’ कहती है
ऐसे किसी बंगले के किसी तरफ(अशोक?) पर कोई चिड़िया कुऊकी।“
उत्तर: कवि ‘वसंत आया’ में कवि ने वसंत ऋतू का सजीव चित्रण किया है| कवि कहतें हैं कि एक बंगले के अशोक के पेड़ पर बैठी चिड़िया की आवाज़ बहुत मधुर लगती है| उसे सुनकर ऐसा लगता है जैसे कोई बहन अपने भाई को ‘दा’ कहकर पुकार रही हो|
- इन पंक्तियों के आशय स्पष्ट कीजिए
”चलती सड़क के किनारे लाल बजरी पर चुरमुराय पाँव तले उचे तरुवर से गिरे बड़े-बड़े पिराये पत्ते”।
उत्तर: कवि इन पंक्तियों के द्वारा अपने बचपन के वसंत ऋतू के दिनों की याद को ताज़ा करते हुए कहतें हैं कि एक दिन सुबह-सुबह बाहर घूमते हुए उनके पैरो के नीचे जब कुछ बड़े-बड़े लाल पत्ते आ जाते थे तो उनसे चुरमुराने की आवाज़ आती थी|
- ’आधे-आधे गाने’ से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: ’आधे-आधे गाने’ से कवि का अभिप्राय है कि उन्होंने जो गीत लिखा है वो अभी अधूरा है और वह तब ही पूर्ण होगा जब कोई अपने हृदय से सारे क्रोध को बाहर निकाल कर इस गीत को अपने दिल में भरेगा|
- निम्न पंक्तियों का भावार्थ लिखिए
“और यह कैलेंडर से मालूम था
अमुक दिन अमुक बार मदनमहिने की होवेगी पंचमी दफ्तर में छुट्टी थी,यह था प्रमाण।“
उत्तर: इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कह रहें हैं कि वसंत ऋतू के आगमन की सुचना उन्हें दफ्तर के कलेंडर से मिली है| क्योंकि कलेंडर में वसंत पंचमी की छुट्टी थी| जो ये प्रमाणित कर रही थी कि वसंत आ चूका है|
- इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
“रंग-रस-गंध से लदे-फदे दूर के विदेश के वे नंदन-वंदन होवेंगे यशस्वी
मधुमस्त पिक भौर अपना-अपना कृतित्त्व अभ्यास करके दिखावेंगे।“
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि वसंत ऋतू के आगमन के बाद होने वाले सुखद परिवर्तनों के बारें में बता रहें हैं| कवि कहतें हैं की वसंत के आने से केवल प्रथ्वी पर ही बाग़ बगीचों में फल-फुल खिलने से बहार नहीं आती है, बल्कि इंद्र के नंदनवन में भी वहाँ की वनस्पति की शोभा बढ़ जाती है| वहाँ भी सुन्दर फुल खिलते हैं और मधुर फल पेड़ों पर आ जातें हैं| भवरें वसंत में फूलो का रस पीकर ज्यादा मदमातें हैं और कोयल की आवाज़ भी मीठी हो जाती है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)
- कवि को वसंत ऋतू के आने की सुचना कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर: कवि प्रकृति प्रेमी हैं और प्रकृति में होने वाले सुन्दर परिवर्तनों से कवि को वसंत ऋतू के आगमन की जानकारी हो जाती है| वसंत ऋतू के आगमन के साथ ही पेड़ों से पत्ते गिरने लगते हैं, हवा गुनगुनी हो जाती है और ताज़ा लगती है| चिड़ियों की चहचाहट भी मधुर और उल्लासपूर्ण हो जाती है| बाद में कवि घर के कलेंडर में देखकर भी इसकी पुष्टि कर लेते हैं की वसंत आ गया है|
2.’वसंत आया’ कविता में कवि किस बात को लेकर चिंतित है?
उत्तर: अपनी कविता के अम्ध्यम से कवि ने प्रकृति से मानव के ख़त्म होते रिश्ते पर चिंता व्यक्त की है| कवि कहतें हैं कि कलेंडर के द्वारा सभी को पता चलता है कि वसंत आ गया है| लेकिन वसंत ऋतू के आने पर जो प्रकृति में सुंदर परिवर्तन आतें हैं उनका किसी को एहसास नहीं होता है| क्योंकि भौतिकवादी जीवन की भागदौड़ में अब मानव प्रकृति से दूर हो चूका है|
- कवि का ’पत्थर’ और ‘चट्टान’ शब्दों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: कविता में कवि ने जो ’पत्थर’ और ‘चट्टानों’ शब्द का उपयोग किया है उनसे कवि का अभिप्राय जीवन की बाधाओं से है| कवि कहतें हैं कि जिस तरह मार्ग में आ रहे पत्थर और चट्टानों को तोड़कर रास्ता बनाना पड़ता है इस तरह ही जीवन में आ रहीं बाधाओं को भी तोडकर ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है| जीवन की बाधाएं भी रस्ते के पत्थर और चट्टानों की तरह आगे बढ़ने के मार्ग को अवरुद्ध करके रखती हैं| आगे बढ़ने के लिए इन बाधाओं को ख़त्म करना ही पड़ता है|
4.निम्न पंक्तियों में अलंकार बताइये:
(क) बड़े-बड़े पिराये पत्ते
(ख) कोई सुबह छह बजे नहाई हो
उत्तर:
(क) बड़े-बड़े पिराये पत्ते में ‘ब’ और ‘प’ वर्णन की आवर्ती अनुप्रास अलंकार है और ‘बड़े’ शब्द की उसी रूप में पुनः आवर्ती के कारण पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
(ख) इस पंक्ति के मानवीकरण अंलकार है।
5.”और कविताएँ पढ़ते रहने से यह पता था कि दहर-दहर दहकेंगे कही ढाक के जंगल आम बौर आवेंगे।“ इन पंक्तियों के भावार्थ स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: कवि इन पंक्तियों के माध्यम से कह रहें हैं कि उन्होंने बहुत सी कविताएँ पढ़ी हैं, जिनमे वसंत ऋतू के आने पर होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों का वर्णन है| इसलिये उन्हें पता है कि वसंत ऋतू के आगमन के साथ प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होतें हैं! कवि जानते हैं कि अब पलाश के पेड़ पर लाल रंग के फुल खिल जायेंगे और आम के पेड़ पर भी बौर आ जायेंगे|