Class 12 Hindi NCERT Solutions for Antra Chapter 8 Poem Barahamasa
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CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 8 – Barahamasa
Study Important Questions Class 12 Hindi Chapter -8 बारहमासा
Important Questions for Class 12 Hindi Antra
Chapter 8 – बारहमासा
H3 – अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1अंक)
1: कविता – “बारहमासा” में नागमती के कितने माह का वियोग वर्णन किया है ?
उत्तर: इस कविता में नागमती के 4 माह के वियोग का वर्णन किया गया है।
2: निम्न का विलोम शब्द लिखिए।
उत्तर: 1) दुःख- सुख
2) जल- थल , निर्जल
3: निम्न शब्दों के शब्दार्थ लिखिए।
उत्तर: 1) रक्त – खून
2) सैचान – एक पक्षी जिसका नाम राजा है बाज , श्येन
3) दारुन – अधिक
4: निम्न शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।
उत्तर: 1) पवन- हवा , वायु
2) दीपक- चिराग, दिया
3) मोर- मयूर, नीलकंठ
5: रक्त ढरा……… सब संख। रिक्त स्थान को पूरा करो।
उत्तर: रक्त ढरा माँसू गरा हाइ भए सब संख।
लघु उत्तरीय प्रश्न – (2 अंक)
6: ” बारहमास ” कविता कहाँ से ली गयी है ?
उत्तर: बारहमास कविता प्रसिद्ध प्रबंधकाव्य ‘ पद्मावत ‘ के नागमती वियोग खंड से ली गयी है जिसको मालिक मोहम्मद जायसी ने लिखा है।
7: इस कविता में किसका वर्णन किया गया है ?
उत्तर: इस कविता में सिंघल देश की राजकुमारी पद्मावती और चित्तौड़ के राजा रत्नसेन के प्रेम की कथा है। इसमें राजा रत्नसेन और पद्मावती के मिलन और नागमती के विरह का वर्णन किया गया है।
8: कविता ” बारहमास” में नागमती के कितने माह के वियोग का वर्णन है , उनके नाम लिखिए।
उत्तर: कविता में नागमती के चार माह के वियोग के बारे में बताया गया है , जो हैं – अगहन , पूस , माघ , फाल्गुन।
9: ” ज्यों दीपक बाती” से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: कवि नागमती के वियोग को बताते हुए कहते हैं कि नागमती वियोग में जल रही है , ठीक उसी प्रकार जैसे दीपक की बाती जलती है।
10: ” बारहमासा” कविता में विशेष क्या है?
उत्तर: इस कविता में नागमती के वियोग के बारे में बताया गया है। इसमें वियोग रास का प्रयोग किया गया है। इस कविता में लयात्मकता है , भावों के अनुकूल भाषा का प्रयोग उचित रूप से किया गया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न – (3 अंक)
11: अगहन देवस घटा निसि बाढ़ी। दूभर सो जाड़ जाइ किमि काढ़ी।। इस पंक्तियों का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि कहता है कि विरहिणी नायिका नागमती ठण्ड के मौसम में वियोग कर रही है कि अगहन के महीने में रात में काली काली घटा बढ़ रही है। मेरा विरह रुपी दुःख बढ़ रहा है , अगहन के महीने में दिन छोटे और रातें बड़ी हो गयीं हैं। जिसके कारण विरहिणी नायिका के लिए लम्बी रात काटना मुश्किल हो गया है।
12: अब धनि देवस बिरह भ रातकरो जरै बिरह ज्यों दीपक बाती। इस पंक्तियों का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि नागमती का विरह रुपी दुःख बढ़ रहा है। इस विरह रुपी भारी दुःख की वजह से नागमती का अब दिन गुज़ारना भी मुश्किल हो गया है।
13: काँपा हिया जनावा सीउ। तौ पै जाड़ होइ संग पीऊ।। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि इस दर्द भरी सर्दी में नागमती का ह्रदय अपने पति के वियोग में काँप रहा है लेकिन यह बाहरी ठण्ड की वजह से नहीं हो रहा है। वह कहते हैं कि नागमती का कलेजा वियोग की ठंड में काँप रहा है। ऐसे मौसम में यदि पति पास में होता तो ही चैन मिलता।
14: घर घर चिर रचा सब काहुँ। मोर रूप रंग लै गा नाहू।। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: इस पंक्तियों के कवि कहते हैं कि घर घर की हर व्यक्ति वस्त्र लेकर आनंद ले रहा है लेकिन नागमती कहतीं हैं कि मेरे प्राणों के आधार तुम जल्दी से आ जाओ। मेरी सुंदरता तुम्हारे बिना किस काम की? तुम्हारे साथ मेरी सुंदरता भी चली गयी है। तुम जो गए तो लौट के फिर नहीं आये। नागमती कहती हैं कि तुम लौट कर आओगे तभी मेरी सुंदरता वापस आएगी।
15: पिया सौं कहेहु संदेसा ऐ भंवरा ऐ काग। सौ धनि बिरहे जारि गई तेहिका धुंआ हम लाग।। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: इस पंक्तियों के माध्यम से कवि कहते हैं कि नागमती पति के वियोग में इतनी ज़्यादा दुखी हो गयी है कि वह भँवरे और कौवे से कहती हैं कि तुम मेरे पति के पास जाओ और उन्हें यह सन्देश दो कि उनकी पत्नी नागमती उनके वियोग में तड़प रही है। और कह रही है कि उनसे बोलना की कि उनकी प्रियतमा विरह रुपी आग में जल रही है जिसके काले धुएं से वह खुद काली हो गयी है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न – (5 अंक)
16: ‘ जीयत खाड़ मुएँ नाही छाँडा ‘ पंक्ति के सन्दर्भ में नायिका की विरह दशा का वर्णन अपने शब्दों के कीजिये।
उत्तर: इन पंक्तियों के बताया गया है कि चील , कौवे , बाज, आदि पक्षी मुर्दे के मांस को नहीं छोड़ते मतलब मरे हुए जीव का मांस खाते हैं किन्तु विरह रुपी बाज पक्षी नागमती को जीते जी मार रहा है। यहाँ विरह की उपमा बाज पक्षी से की गयी है। बाज पक्षी तो जीव का मांस खाता है इसलिए वह जीव मर जाता है लेकिन विरह तो इंसान को जीते जी मार देता है।
17: माघ महीने में विरहिणी को क्या लगता है?
उत्तर: माघ महीने में नागमती पिया वियोग रुपी पाला पड़ने से ठंडी हो गयी है। पति के बिना भारी ठंडी रजाई ओढ़ने से भी नहीं जा रही है। विरहिणी का जिया पिया के बिना काँप रहा है। नागमती कहतीं है कि विरह के कारण उनकी आँखों से बहने वाले आंसू उन्हें बहुत ही कष्टदायक लग रहे हैं। उनकी आँखों से गिरने वाले आंसू उन्हें बारिश के पानी की तरह प्रतीत हो रहे हैं। उन्हें ये आंसू बहुत ही कष्टदायक लग रहे हैं। इस पद में विरहिणी की वेदना का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
18: पिया सौ कहेहु संदेसा ऐ काग , सौ धनि बिरहे जरि गई तेहिक धुआँ हम लाग।। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: इस पद में विरह अग्नि के कारण कौवे और भँवरे को काले रंग से चित्रित किया गया है। नायिका कहती है कि पक्षियों तुम मेरे पिया को यह संदेशा देना कि तुम्हारी पत्नी जिस अग्नि में जल रही है वह उसी धुएं में जलकर काली हो गयी है। अर्थात वह अपने पति से मिलने के लिए व्याकुल हो रही है।
19: रकत ढरा माँसू गरा हाड़ भए सब संख। धनि सारस होइ ररि मुई आई समेटहु पंख।। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: इस पद में नागमती का खूब ढल गया है , मांस गल गया है , हड्डियां शंख की तरह सूख गयीं हैं। अपने पति के वियोग में नागमती सारस की तरह पतली हो गयी है , तुम आकर उसके पंख समेट लो। कहने का अभिप्राय है कि पति वियोग में नागमती सूखकर काँटा हो गयी है। तुम जल्दी आ जाओ और उसको मरने से बचा लो , उसे तुम्हारा इंतज़ार है।
20: तुम्ह बिनु कंला धनि हरुई तन तितिनु भा डोल। तेहि पर बिरह जराई कै चहै उड़ावा झोल।। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: इस पद में पति के बिना पत्नी पेड़ की पत्तियों की तरह हो गयी है। एक हवा का झोंका जैसे पत्ते को उड़ा कर ले जाता है , ऐसे ही छोटा सा दुःख भी व्यक्ति को नष्ट कर सकता है। वह कहती है कि इस विरह रुपी अग्नि में तुम्हारी नागमती जल रही है। कवि ने इस पद के द्वारा नागमती के विरह की मार्मिक दशा का चित्रण किया है।