Pad Class 12 Hindi Antra NCERT Solutions
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CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 9 – Pad
Study Important Questions for Class 12 Hindi Chapter 02 – पद
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1: कविता ‘पद ‘ में कवि विद्यापति के अनुसार नायक और नायिका कौन हैं ?
उत्तर : कवि विद्यापति के अनुसार नायक कृष्ण को और नायिका राधा को माना गया है।
2: निम्लिखित शब्दों का शब्दार्थ लिखिए।
उत्तर : मनभावन – आकर्षक
एकसरी – अकेली
कातर – दुखी
3: कवि विद्यापति की कुछ महत्वपूर्ण कृतियाँ बताएं।
उत्तर : कवि विद्यापति की कुछ महत्वपूर्ण कृतियाँ इस प्रकार हैं –
भूपरिकर्म , पुरुषपरीक्षा , कीर्तिलता
4: निम्नलिखित शब्दों का पर्यायवाची लिखिए।
उत्तर : नयन – नेत्र , लोचन
छीन – झपटना
जग – संसार , दुनिया
5: हिये नहि. . . . . . . . . भेल साओन मास। रिक्त स्थान को पूरा करें।
उत्तर : हिये नहि सहय असह दुःख रो भेल साओन मास।
लघु उत्तरीय प्रश्न
6: दूसरे पदों में कवि ने किसका वर्णन किया है ?
उत्तर : दूसरे शब्दों में कवि ने ऐसी नायिका का वर्णन किया है जो जन्म जन्म से अपने प्रिय के रूप का पान करके भी अपने आपको अतृप्त ही महसूस करती है।
7: तीसरे पद में कवि ने किसका वर्णन किया है ?
उत्तर : तीसरे पद में कवि ने नायक के वियोग में अतृप्त ऐसी विरहिणी का वर्णन किया है जिसको अपने नायक के वियोग में प्रकृति के आनंददायक दृश्य भी कष्टदायक लगते हैं।
8: प्रथम पद में कवि ने किसका वर्णन किया है ?
उत्तर : प्रथम पद में कवि ने नायक के वियोग में अतृप्त नायिका का वर्णन किया है।
9: प्रथम पद में क्या विशेष है ?
उत्तर : प्रथम पद में मैथिलि भाषा का प्रयोग किया गया है। इस पद में वियोग रास विद्यमान है। कवि की भाषा लयात्मक , काव्यात्मक और भावात्मक है। प्रथम पद में एक छंद है।
10: दूसरे पद में क्या विशेष है ?
उत्तर : दूसरे पद में पथ – परस , सुवनाह -सुनल में अनुप्रास अलंकार है। इस पद में वियोग रस विद्यमान है। यह एक छंद युक्त पद है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
11: जन्म अवधी हम रूप निहाल नयन न तिरपति भेल। इस पंक्ति का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : इस पंक्ति में राधा अपनी सखियों से बात कर रहीं है और कहतीं हैं कि मैंने अपने पूरे जीवन भर अपने प्रेमी कृष्ण का रूप निहारा है। लेकिन मेरी प्यास अभी तक नहीं बुझी अर्थात जो सच्चा प्रेम होता है उसमें व्यक्ति कभी तृप्त नहीं हो पाता है।
12: सखी है कि पुछसी अनुभव मोय।
सेह प्रीति अनुराग बखानी तिल तिल नूतन होय।
इन पंक्तियों का भावार्थ लिखो।
उत्तर : प्रत्येक पंक्ति में सखियाँ राधा से उनके अनुभवों के बारे में पूछ रही है। राधा कहती है कि सखी मुझसे मेरे अनुभवों के बारे में क्या पूछती हो , मैं जितनी बार अपने अनुभवों के बारे में बताउंगी , उतनी बार वह पल मेरे लिए नया होता जाएगा। अर्थात सच्चे प्रेम के अनुभवों का वर्णन किया ही नहीं जा सकता है।
13: एकसरी भवन पिया बिनु रे मोहि रहलो न जाए।
सखी अनकर दुःख दाऊ रे जग के पतिआए। प्रस्तुत पंक्तियों का भावार्थ लिखें।
उत्तर : उपरोक्त पंक्तियों में कवि नायिका के दुखों का वर्णन कर रहे हैं। नायिका कह रही है कि वह इस बड़े भवन में अपने प्रियतम के बिना नहीं रह सकती। नायिका अपनी सखियों से कह रही है कि मेरे दुःख को कोई समझने वाला नहीं है। अर्थात मेरा यह असहनीय दुःख किसी को क्यों समझ नहीं आता है।
14: के पतिआ लए जाएत रे मोरा प्रियतम पास। इन पंक्तियों का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : कवि प्रस्तुत पंक्तियों में वर्षा ऋतू के आगमन का वर्णन कर रहे हैं। कवि कहते हैं कि वर्षा ऋतु आ गयी है , नायिका को अपने नायक की याद सताने लगी है और वह अपने नायक को वापस बुलाने के लिए सन्देश भेजना चाहती है।
15: हिय नहीं सहय असह दुःख रे भेल साओन मास। इन पंक्तियों का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : कवि कहते हैं कि उपरोक्त पंक्ति में माध्यम से नायिका अपनी सखियों से पूछती है कि मेरा पत्र लेकर मेरे नायक के पास कौन जाएगा ? क्या कोई ऐसा नहीं है जो मेरे इस पत्र को मेरे प्रियतम कृष्ण के पास पहुंचा दे। इस सावन के महीने में विरह का यह दुःख मुझसे झेला नहीं जा रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
16: प्रियतमा क्यों दुखी है ?
उत्तर : प्रियतमा के दुःख के निम्नलिखित रूप इस प्रकार हैं –
1) सावन का महीना शुरू हो गया है जिसके कारण प्रियतमा का अकेले रहना संभव नहीं है। वर्षा का आगमन उसे गहरी पीड़ा देता है।
2) प्रियतमा का प्रियतम देश से बाहर चला गया है। वह अपने प्रियतम से मिलने के लिए व्याकुल है लेकिन उसकी अनुपस्थिति उसे चोट पहुंचा रही है।
3) उसे लगता है कि उसका प्रियतम किसी और राज्य में चला गया है और उसे भूल गया है। यह बात उसे अपार दुःख देती है।
4) घर क अकेलापन उसे काटने को दौड़ता है।
17: कोयल और भौंरों का गुंजन का नायिका पर क्या प्रभाव होता है ?
उत्तर : कोयल और भौंरे के गुंजन का नायिका पर प्रतिकूल प्रभाव होता है। कोयल का मधुर स्वर और भौंरों की गुनगुनाहट उसे अपने प्रियतम की याद दिलाते हैं। वह कानों को बंद कर लेती है ताकि उसे कोयल की मधुर आवाज़ और भौंरों की गूँज सुनाई न दे। इस तरह कोयल और भौंरों की गूँज उसे परेशान कर रही है।
18: कातर दृष्टि से चारों तरफ प्रियतम को ढूंढने की मनोदशा को कवि ने किन शब्दों में व्यक्त किया है ?
उत्तर : इन पंक्तियों में कवि विद्यापति कहते हैं कि प्रियतमा अपने प्रियतम को ढूंढ रही है और कवि उसकी मनोदशा का वर्णन अपने इन पंक्तियों में करते हैं –
” कातर दीठी करि , चौदस हेरि – होरी
नयन गरय जल धारा। ”
यानि जैसे कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी कमज़ोर होती है , वैसे ही नायिका का शरीर भी उसके प्रेमी की याद में कमज़ोर हो रहा है। उसकी आँखों से हर समय आंसू बहते रहते हैं।
19 : निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए –
‘ तिरपित , छन , बिदगद्ध , निहारल , पिरित ,साओन
उत्तर : तिरपित – संतुष्ट
बिद्गागढ़ – विदग्ध
छन – क्षण
निहारल – निहारना
पिरित – प्रीति
साओन – सावन
20: सेह फिरत अनुराग बखानीज तिल -तिल नूतन होय ‘ से कवि का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : इस पंक्तिओं के द्वारा कवि का अभिप्राय है कि प्रेम में डूबा हुआ व्यक्ति कोशिश करने के बाद भी बाहर नहीं आ सकता है। कवि का कहना है कि प्रेम एक ऐसा विषय है , जिस पर कुछ भी कहना संभव नहीं है। प्यार जितना पुराना होता है , उसमें उतना ही नयापन होता है। कवि प्रेम को लिखना या व्यक्त करना असंभव बताते हैं क्यूंकि कवि के अनुसार प्रेम स्थिर नहीं है। यही कारण है कि प्रेम को व्यक्त नहीं किया जा सकता है।