CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions Chapter 10 Poem Chota Mera Khet, Bangulon ke Pankh
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CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions Chapter 10 Poem Chota Mera Khet, Bangulon ke Pankh
Study Important Questions Class 12 आरोह – पाठ 10 – छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक)
- कवि ने कविता को क्या कहा है?
उत्तर: कवि ने कविता को रस का अक्षयपात्र कहा है।
- निम्न शब्दों का शब्दार्थ लिखिए
चौकोना, अंधड़, तथा पल्लव
उत्तर: चौकोना – चार कोनो वाला
अंधड़ – आँधी
पल्लव – पत्ते
- कवि का पन्ना किसके समान है?
उत्तर: कवि का पन्ना किसान के खेत के समान चौकोना है।
- आसमान तथा बगुला का पर्यायवाची बताइए।
उत्तर: आसमान – आकाश, नभ, गगन
बगुला – बगला, बक, बलाका
- इस वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिये।
‘कजरारे बादलों की…… छाया’
उत्तर: कजरारे बादलों की छाई नभ छाया
लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक)
- काले बादलों के बीच उड़ते हुए सफ़ेद बगुले कैसे प्रतीत होते हैं?
उत्तर: काले बादलों के बीच उड़ते हुए सफ़ेद बगुले पाने सफ़ेद पंखो के कारण ऐसे लग रहें हैं जैसे काले बादलों में शाम की सफ़ेद चमकती हुई काया तैर रही है|
- किस चीज का आनंद कभी ख़त्म नहीं होता है?
उत्तर: कविता के रसपान से मिलने वाला आनंद हमेशा हमारे साथ बना रहता है| ये कभी भी ख़त्म नहीं होता है और हम इसे कभी भी अपनी इच्छा के अनुसार ग्रहण कर सकतें हैं|
- कवि अपने कागज़ के पन्नो को किसके समान कहता है?
उत्तर: कवि कहता है कि उसके कागज़ के पन्ने किसी किसान के खेत के समान ही चौकोने हैं| किसान अपने खेत में बीज उगाता है| जबकि कवि अपने कागज़ के पन्नो रूपी खेत में अपनी भावनाओं के बीज उगाता है|
- लोगो से कवि क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर: प्रकृति के सुन्दर दृश्य बेहद ही मनमोहक हैं| कवि लोगो से उसे प्रकृति के मोहपाश से बचाने की कोशिश करता है|
- कवि ने कविता लिखने की प्रक्रिया को किसके समान बताया है?
उत्तर: कवि ने कविता लिखने की प्रक्रिया को किसान के द्वारा खेत में बीज बोने की प्रक्रिया के समान बताया है|
लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक)
- कविता के आनंद के विषय में कवि क्या कहता है?
उत्तर: कवि कहता है कि कविता का आनंद कालजयी है| कविता की रचना में सौंदर्य, रस, अलंकार, तथा भाव का उपयोग जब किया जाता है तो उससे प्राप्त होने वाला आनंद बहुत आत्मीय होता है और अनंतकाल तक बना रहता है|
- उमाशंकर जोशी का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए।
उत्तर: श्री उमाशंकर जोशी का जन्म 12 जुलाई 1911 को साबरकांठा, गुजरात में हुआ था। जोशी जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रीय रूप से जुड़े रहे थे और इस कारण से अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ दी थी| बाद में 1936 में इन्होने बम्बई विश्वविद्यालय से अपनी M.A. की पढ़ाई पूरी की| इनकी प्रमुख रचनाएँ विश्वशांति, गंगोत्री, निशीथ, गुलेपोलांड, प्राचीना, आतिथ्य और वसंत वर्ष, महाप्रस्थान, अभिज्ञा, सापनाभरा आदि है। सन 1968 में जोशी जी गुजराती साहित्य परिषद केअध्यक्ष बने थे| 1978 से 1982 तक वे साहित्य अकादमी के अध्यक्ष रहे। सन् 1970 में वे गुजरात विश्वविद्यालय के उप कुलपति बने। सन 1967 में उन्हें गुजराती साहित्य के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ और सन 1973 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1973 में ही उन्हें साहित्य अकादमी पुरुष्कार (गुजराती) सम्मान से भी सम्मानित किया गया|
- खेत में बोये जाने वाले बीज और कवि की भावनाओं में क्या समानता है?
उत्तर: जिस प्रकार किसान जब खेत में बीज बोता है तो वो हवा, पानी, और सूर्य के प्रकाश की सहायता से अंकुरित होकर फसल में बदलते हैं| ठीक ऐसे ही जब कवि के मन में भावनाओं के बीज आते हैं तो कवि शब्द, अलंकार, और रस से उन्हें पोषित करता है| और उनमें विशेष भावनाओं के पत्ते, फुल और कलियाँ पनपती हैं और कविता पूर्ण हो जाती है|
- “छोटा मेरा खेत चौकोना ……….. पल्लव पुष्पों से नामित हुआ विशेष।” इन पंक्तियो का काव्य-सौन्दर्य लिखिए।
उत्तर: इन पंक्तियों में खड़ी बोली का उपयोग किया है| इनमे रूपक और अनुप्रास अलंकार है तथा कर्म और कल्पना भाव के साथ रचना की गयी है| कवि ने चित्रमक वर्णन से पंक्तियों को अद्भुत बना दिया है|
- “नभ में पाँती-बाँधे बगुलों के पंख,……….. नभ में पाँती-बाँधी बगुलों के पाँखे” इन पंक्तियों का क्या आशय है?
उत्तर: कवि आकाश में छाए हुए काले बादलों और उनमे पंक्तिबद्ध होकर उड़ रहे सफ़ेद बगुलों के सुन्दर सफ़ेद पंखों को देख रहा है| इस दृश्य का सौन्दर्य कवि को सम्मोहित कर रहा है| ये दृश्य कवि की आँखों को चुरा कर लिए जा रहा है| इन उड़ते हुए सफ़ेद बगुलों को देखकर प्रतीत होता है जैसे सांयकाल की सफ़ेद काया काले बादलों में तैर रही हो| कवि प्रकृति के इस सौंदर्य के मोहपाश में बंधता जा रहा है| कवि कहता है की इस दृश्य का जादू उसपर गहराता जा रहा है| और कवि इस मोहपाश से मुक्त होना चाहता है| इसलिए कवि कहता है कि कोई उसे इस मोहपाश से मुक्त करवा दे| लेकित बादलो में उड़ते सुन्दर सफ़ेद बगुलों के सफ़ेद पंखों में कवि की आँखें अटक कर रह गयी हैं|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक)
- कविता “बगुला के पंख” का सारांश लखिए।
उत्तर: यह कविता सुंदर दृश्य बिंबयुक्त कविता है| इस कविता में प्रकृति के सुद्नर दृश्यों का अद्भुत वर्णन कवि ने किया है| कवि ने प्रकृति के सौंदर्य का चित्रात्मक वर्णन किया है| कवि ने काले बादलों के ऊपर उड़ते सफ़ेद बगुलों के सफ़ेद पंखो को काले बादलो पर तैरती सांझ की सफ़ेद काया के समान बताया है| इस अद्भुत दृश्य का कवि पर गहरा जादू होता जा रहा है| कवि आवाहन करता है कि कोई उसे इस मोहपाश से मुक्त करवाए| लेकिन कवि स्वयं को प्रकृति के इस सौंदर्य से सम्मोहित होने से नहीं बचा पाता है| और इस सौंदर्य में कवि की ऑंखें अटक कर रह जाती हैं|
- कवि ने स्वयं को किसान क्यों कहा है?
उत्तर: कवि ने स्वयं को किसान कहा है और कविता के कागज़ को खेत के समान बताया है| कवि कहता है कि जैसे किसान खेत में बीज बोता है,इस प्रकार ही कवि भी कागज़ पर अपनी भावनाओं के बीज बोता है| खेत में बोये गए बीज जल, वायु ,और प्रकाश की सहयता से फसल में बदलतें है| तो वहीँ कवि भी अपनी भावनाओं के शब्दों के बीज कागज़ पर बोता है| और अलंकार और शब्दों की सहयता से उनमें विशेष भाव की कालिया और पत्तियां उगती है| जिससे कविता पूर्ण हो जाती है|
- कवि ने कविता में साहित्य की किन विशेषताओं का वर्णन किया है?
उत्तर: कवि ने कविता की तुलना किसान की फसल से करते हुए विशेष तरीके से कविता के साहित्यिक सौंदर्य का वर्णन किया है| कवि कहता है कि कविता के बीज से एक पुष्प पल्लवित वृक्ष बनने में कुछ ही क्षण लगते हैं| इसके बाद उस कविता की फसल अनंतकाल तक रहती है| कभी भी और कितनी बार भी इस फसल की कटाई की जा सकती है| कविता अपना रसास्वादन चिरकाल तक देती रहती है| कविता का रस चाहे जितना भी लो वो कभी कम नहीं होता है|
- कविता ‘छोटा मेरा खेत’ का सारांश लिखिए।
उत्तर: इस कविता में कवि ने काव्य रचना को खेती के समान बताया है और कागज़ को किसान के खेत के समान| कवि किसान की खेती की प्रक्रिया से तुलना करते हुए काव्य रचना के सौंदर्य बौध का वर्णन करता है| कवि कहता है कि कवि का कागज़ भी एक चौकोर खेत की तरह है। इस खेत में किसी अंधड़ अर्थात भावनात्मक आँधी के कारण भावनाओं का एक बीज बोया जाता है। यह शब्दों के सहारे से अंकुरित होता है तो कल्पनाओं का सहारा लेकर विकसित होता है| और कृति एक पूर्ण रूप ग्रहण कर लेती है| फसल के पुरे पकने की तरह कविता में भी विशेष विचारों के पुष्प और कलियाँ होती है| फिर ये अपने काव्य रस से सभी को आनंदित करती है| कविता का रस चिरकाल तक बना रहता है और कभी भी इसका रसास्वादन लिया जा सकता है| ये कभी समाप्त नहीं होता|
- “छोटा मोरा खेत चौकोना ……..पल्लव-पुष्पों से नमित हुआ विशेष।” इन पंक्तियों का क्या आशय है?
उत्तर: कवि का आशय है कि जिस पन्ने पर वो कविता लिखता है वो भी किसान के चौकोर खेत के समान है| जब भी कोई भावनात्मक अंधड़ उत्पन्न होता है तो कवि अपने विचार का बीज उस कागज़ पर बो देता है| यह विचार कल्पना के सभी सहायक अवयवो को पीकर कवि को अहंकार मुक्त कर देता है| अहंकार के समाप्त होने के बाद कवि की काव्य साधना सभी जनसाधरण के हित के लिए समर्पित हो जाती है और उससे शब्दों के अंकुर फूटने लगते हैं| विशेष भावनाओं की पत्तियों और कलियों से पल्लवित होने पर ये बीज एक पूर्ण पौधे के रूप में विकसित हो जाता है तथा विशेष भावनाओं के रस से भरे फुल और फलों से लदकर झुक जाता है|