Class 12 Hindi NCERT Solutions for Antra Chapter 10 Poem Ramchandra Chandrika
Extramarks offers the best CBSE Class 12 board exam study material. Students can get all books in PDF format, including chapter-by-chapter Class 12 Hindi NCERT Solutions, sample papers, all previous years’ solved papers, reference book solutions and revision notes, and so on. These study resources will help them better plan their studies and prepare for the Class 12 board examinations.
The syllabus has been reduced by 30% due to the delayed academic session, but the fundamental principles have been retained. Extramarks provides the updated syllabus for the CBSE Class 12 board exam for 2020-21. The NCERT Solutions Class 12 Hindi, based on the most recent CBSE syllabus, are free to download at Extramarks.
CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 10 – Ramchandra Chandrika
Study important questions for Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 – रामचन्द्रचंद्रिका
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 mark)
1: पंचवटी की तुलना किससे की गयी है ?
उत्तर : पंचवटी की तुलना दूसरे छंद में शिव जी की जटाओं से की गयी है।
2: कवि के अनुसार पंचवटी इतना पवित्र क्यों है ?
उत्तर: कवि कहते हैं कि पंचवटी में ऐसे-ऐसे ऋषि-मुनि रहते हैं जिनके ज्ञान से लोगों की आत्मा शुद्ध हो जाती है।
3: निम्न शब्दों के शब्दार्थ लिखिए।
अघओघ , शिवराज , दसकंठ
उत्तर : अघओघ – पापों से घिरा हुआ
शिवराज – महान ऋषि
दसकंठ – दस सिर हो जिसका अर्थ है रावण
4: अंगद रावण को क्या आभास कराने की कोशिश करता है ?
उत्तर : अंगद रावण को श्री राम की शक्ति का आभास कराने की कोशिश करते हैं।
5: बानी जगरानी की ……. की भई। रिक्त स्थान को पूरा कीजिये।
उत्तर : बानी जगरानी की उदारता बखानी जाइ ऐसी मति उदित उदार कोन की भई।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 marks)
6: कवि प्रथम छंद के माध्यम से क्या व्यक्त करना चाहते हैं ?
उत्तर : प्रथम छंद में कवि ने सरस्वती की आराधना करते हुए उन्हें बहुत ही उदार बताया है। कवि कहते हैं कि उनकी उदारता का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है।
7: कवि दूसरे छंद के माध्यम से क्या व्यक्त करना चाहता है ?
उत्तर : दूसरा छंद रामचंद्रिका के पंचवटी प्रसंग से लिया गया है। इस छंद में कवि लक्ष्मण और उर्मिला के बारे में बता रहे हैं। लक्ष्मण , उर्मिला को पंचवटी का महत्व समझा रहे हैं।
8: कवि तीसरे छंद के माध्यम से क्या व्यक्त करना चाहते हैं ?
उत्तर : तीसरा छंद ” रामचंद्रिका के पंचवटी ” प्रसंग से लिया गया है। इस छंद में कवि अंगद और रावण के बारे में बता रहे हैं। अंगद रावण को राम महिमा के बारे में बता रहे हैं।
9: प्रथम छंद का ” विशष ” लिखो।
उत्त्तर: यह छंद ब्रज भाषा में लिखा गया है। इस छंद में शांत रस है। इस छंद में अनुप्रास और अतिश्योक्ति अलंकार का सुन्दर प्रयोग किया गया है।
10: तीसरे छंद में विशेष क्या है ?
उत्तर: तीसरे छंद में ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। इसमें अनुप्रास अलंकार का प्रयोग भी किया गया है। इस छंद में शब्दों का प्रयोग बहुत ही सुन्दर तरीके से किया गया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2-3 marks)
11: बानी जगरानी की उदारता बखानी जाड़ ऐसी मति उदित उदार कोन की भई।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में कवि कहते हैं कि माँ सरस्वती की महिमा को कोई नहीं समझ सकता। वह कहते हैं कि किसी के पास भी इतनी बुद्धि नहीं है कि वह माँ सरस्वती की महिमा को समझ सकें।
12: देवता प्रसिद्ध सिंह शिवराज तपवृद कहि कहि हारे सब कहि न काहू लई। इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में कवि कहते हैं कि देवता , प्रसिद्द लोग , महान ऋषि मुनि , बड़े बड़े तपस्वी भी माँ सरस्वती की उदारता का वर्णन करते करते थक गए लेकिन कोई भी उनकी उदारता का वर्णन नहीं कर पाया।
13: किसे चारमुख , पंचमुख, और शतमुख कहा जाता है और उनका देवी सरस्वती से क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर: कवि ने ब्रम्हा को चारमुख , पंचमुख और कार्तिकेय को शतमुख कहा है। ब्रम्हा को सरस्वती का स्वामी कहा जाता है , शिव को उनका पुत्र और शिव के पुत्र कार्तिकेय को उनका पौत्र कहा जाता है।
14: निघटि रूचि मीचू घटी घटी जगजीव जतीन की छुट्टी तटि। इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में लक्ष्मण जी पंचवटी के वातावरण की तारीफ करते हुए उर्मिला से कहते हैं कि यहाँ पहुँच कर मनुष्य के मन में मृत्यु का दर समाप्त हो जाता है और यहाँ के सौंदर्य से खुश होकर हर एक व्यक्ति को अपना जीवन आकर्षक लगता है और कोई मरना नहीं चाहता है।
15: सिंधु तार्यो उनको बनरा तुम पै धनुरेख गई न तरी। इस पंक्ति का भाव स्पष्ट करो।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में अंगद रावण से कहते हैं कि श्री राम के दूत हनुमान समुद्र को पार करके लंका तक पहुँच गए हैं। अंगद रावण को श्री राम की शक्ति का आभास कराना चाहते हैं और कहते हैं कि तुम लक्ष्मण द्वारा खींची गयी लक्ष्मण रेखा को भी पार नहीं कर पाए थे।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3-4 marks)
16: देवी सरस्वती की उदारता की प्रशंसा क्यों नहीं की जा सकती ?
उत्तर: ज्ञान , स्वर, और और कला की देवी सरस्वती देवी को कहा जाता है। यह एक एक व्यक्ति के कंठ में विराजमान होतीं हैं। ऐसा माना जाता है कि इस संसार को ज्ञान भण्डार देवी सरस्वती के कारण ही मिला है। उनकी महानता को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता। सदियों से कई विद्वान सरस्वती माँ की महिमा को व्यक्त करना चाहते हैं लेकिन वे इसमें पूरी तरह से सफल नहीं हुए हैं। इसलिए उनकी उदारता वर्णन नहीं किया जा सकता है।
17: पंचवटी गुणों का उल्लेख कविता में है ?
उत्तर: कविता में पंचवटी के निम्नलिखित गुणों का उल्लेख किया गया है –
- पंचवटी एक बहुत ही पवित्र स्थान है। यहाँ आकर लोगों के मन को शांति मिलती है।
- यहाँ आकर लोगों के सारे दुःख दूर हो जाते हैं।
- यहाँ आकर लोगों के अंदर के पाप मिट जाते हैं और सभी लोग शांत मन से यहाँ से वापस जाते हैं।
18: सब जाति कपटी दुःख की दुपटी कपटी न रहे जँह एक घटी। इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में लक्ष्मण जी पंचवटी के वातावरण की तारीफ करते हुए उर्मिला से कहते हैं कि वहां का वातावरण इतना सुन्दर है कि वहां पहुँचते ही लोगों का दुःख दूर हो जाता है। वो कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के मन में कोई बुरी भावना और छल कपट हो तो वह भी खत्म हो जाता है। अर्थात इस पंचवटी की शोभा के कारण लोगों में अच्छी नियत जाग्रत हो जाती है।
19: तेलन तुलनि पूछी न जरी , लंका जराई जरी। इस पंक्ति का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में मंदोदरी ने हनुमान जी की शक्ति है। इस पंक्ति की भाषा ब्रज भाषा है। “त” और “ह” जैसे शब्दों का सुन्दर उपयोग अनुप्रास अलंकार को दर्शाता है। “जारी” शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। इनका दोनों समय अलग अलग अर्थ है। इसलिए यह यमक अलंकार को दर्शाता है।
20: पति बने चारमुख पूत बने पंचमुख नाती बने षट्मुख तदपि नई -नई। इस पंक्ति का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: उपरोक्त पंक्ति में सरस्वती जी की महिमा को वर्णित किया गया है। इस पंक्ति में ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। पंचमुख जैसे तत्सम शब्दों का प्रयोग भी किया गया है।