Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 11 Poem Kavitt/Sabeya
The Central Board of Secondary Education is well-known for its rigorously organised curricula, fair examination procedures, standardised test papers, and standardised scoring methods. The question paper for the CBSE examination is designed entirely based on the most recent format. Students need to be aware of the format of the paper and should practise answering questions based on that format.
Students who have finished their coursework will greatly benefit from the CBSE Important Questions. . Students have the best resource available in the form of the Important Questions, which helps with the revision. Students can become familiar with the main concepts most likely to appear on the examination if they practise answering important questions from each chapter. In addition, they understand the various ways a question based on a particular chapter may be asked. Therefore, even if a question is reworded and asked differently during the test, they can still answer it correctly. Students become familiar with multiple-choice (MCQs), short-answer, and long-answer questions by practising the important questions from the CBSE. These important questions have been constructed as per the CBSE syllabus.
After conducting exhaustive studies on examination norms, paper patterns, and the most recently made available CBSE Sample Papers, subject matter specialists develop the important questions. These important questions include, amongst others, questions that were frequently asked during the course of the previous year’s examinations. Students will be well-prepared for their examinations if they put these strategies into practice. Students will become more comfortable with the exam’s difficulty and the marking scheme by working through these important questions.
The poem Kabita/Sabeya, composed by Shri Ghananand and published in the NCERT book for Hindi Class 12 Antra Chapter 11, is written in an easy language so that students may excel and understand the essence of this love story. For the students to have the best possible study plan for the board exams and to achieve a better rank on the mark sheet, it will help them understand all of the important NCERT questions categorised by chapter.
CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 11 Poem Kavitt/Sabeya
Study Important Questions for Class 12 Hindi Chapter 11 – कवित्त / सवैये
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1: इस कविता में कवि घननानन्द ने कितने कवित्त और कितने सवैये दिए हैं ?
उत्तर: प्रस्तुत कविता के आधार पर हम कह सकते हैं कि घनानंद ने डप कवित्त और दो सवैये दिए हैं। पहली कविता में कवि ने अपनी प्रेमिका सुजान को सम्बोधित करके लिखा है। और दूसरी कविता में कवि ने संयोग और वियोग की स्थितियों का तुलनात्मक रूप प्रस्तुत किया है।
2: निम्नलिखित शब्दों का पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर: दोष – त्रुटि , अवगुण
कान – कर्ण , श्रवण
3: प्रथम सवैये में कवि ने किस का वर्णन किया है?
उत्तर: प्रथम सवैये में कवि ने अपनी मरणावस्था की दुहाई देते हुए अपनी प्रियसी सुजान को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि वह उससे मिलने के लिए व्याकुल हैं और वह चाहता है कि उसकी प्रेमिका एक आर ज़रूर ही उससे मिले।
4: दोनों कविता में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है?
उत्तर: दोनों कविताओं में प्रश्न अलंकार , रूपक अलंकार , अनुप्रास अलंकार , श्लेष अलंकार , पुनरुक्ति अलंकार ,आदि का सहज रूप से वर्णन किया गया है।
5: कवि प्रथम कविता किसको सम्बोधित करके लिखते हैं ?
उत्तर: कवि अपनी प्रियसी सुजान को सम्बोधित करते हुए उसकी याद में अपनी पहली कविता लिखते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
6: कवि क्यों दुखी है ?
उत्तर: कवि अपनी प्रेमिका सुजान को बुला बुलाकर परेशान हो गया लेकिन उसकी प्रेमिका का कोई भी जवाब नहीं आया है क्यूंकि वह अनसुनी कर रही है। अब कवि ने यह निश्चय किया है कि वह चुप रहेगा। उसका हृदय तो उसको पुकारता ही रहेगा लेकिन वह कुछ बोलेगा नहीं। उसे विश्वास है कि एकदिन उसके हृदय की पुकार से उसकी प्रेमिका का दिल ज़रूर पिघलेगा और वह उसकी पुकार सुन लेगी। कवि को ऐसा लगता है कि अब उसके प्राण निकलने वाले हैं।
7: कवि घनानंद को ऐसा क्यों लगता है कि उसके प्राण निकलने ही वाले हैं ?
उत्तर: कवि घनानंद को ऐसा इसलिए लगता है क्यूंकि यह अपनी प्रेमिका के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहा है लेकिन अब यह सीमा समाप्त होने वाली है और कवि के प्राण निकलने ही वाले हैं। वह कवि के सभी संदेशों को सम्मानपूर्वक रख लेती है परन्तु दर्शन देने नहीं आती है। उसकी झूठी बातों पर विश्वास करके कवि घनानंद उदास हो गया है और इसलिए उसे ऐसा लगता है कि उसकी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इसलिए उसे ऐसा लगता है कि ा तो उसके प्राण निकलने ही वाले हैं।
8: दोनों कवित्त कैसे विशेष है ?
उत्तर: प्रथम कवित्त के कवि प्रेमिका के वियोग के मरने की स्थिति में चला गया है। ब्रजभाषा की कोमल कान्त पदावली का प्रयोग किया गया। है पुनरुक्ति प्रकाश , अनुप्रास ,स्लेश अलंकारों का सहज रूप से वर्णन किया गया है। वियोग वर्णन में मार्मिकता है , करुण रास विद्यमान है। दुसरे कवित्त में में ब्रजभाषा का प्रयोग किया गया है। अनुप्रास और प्रश्न अलंकार विद्यमान है। श्रृंगार के विरह पक्ष का मार्मिक वर्णन। है नायक के असीम प्रेम वर्णन किया गया है।
9:कवि मौन होकर प्रेमिका के कौन-से प्रेम पालन को देखना चाहता है ?
उत्तर: कवि अपनी प्रेमिका के न मिलने से व्याकुल है। वह उसकी बातों को सुनकर भी अनसुना कर देती है। वह अब अपने हृदय से उसे बुलाते हैं और मुँह से मौन रहते हैं। वह अब यह देखना चाहते हैं कि उसकी ख़ामोशी तथा ह्रदय की पुकार का उनकी प्रेमिका पर क्या असर होता है। वह कब तक उसे न भूलने की अपनी प्रतिज्ञा पर अड़े रहती है। उसे विश्वास है कि उसके दिल की पुकार उसकी प्रेमिका को बोलने पर मजबूर कर देगी।
10: दूसरे सवैये में कवि ने किसका वर्णन किया है ?
उत्तर: दूसरे सवैये में कवि अपनी प्रेमिका द्वारा प्रेम पत्र बिना पढ़े फाड़ देने पर अपने मन की बात कहता है कि उसने हृदय रुपी प्रेम पत्र में अपने हृदय के सारे प्रेम भावों को निचोड़कर उस पत्र में डाला था। लेकिन उसने इतनी आसानी से उस पत्र को फाड़ दिया। जिससे कवि का दिल पूरी तरह से टूट गया है। इस सवैये में कवि ने अपनी वेदना को व्यक्त किया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
11: ” बहुत दिनन को अवधि आसपास परे , खरे अरबरनी भरे हैं उठी जान को ” इन पंक्तियों की व्याख्या कीजिये।
उत्तर: इस पंक्तियों में कवि अपनी मरने की अवस्था की दुहाई देते हुए अपनी प्रियसी सुजान को सम्बोधित करते हुए कहता है कि मैं बहुत दिनों से प्रेमिका के दर्शन के लिए इंतज़ार कर रहा हूँ। लेकिन अब इन दिनों की सीमा समाप्त होने वाली है और मेरे प्राण विचलित होकर निकल जाने के लिए आतुर हो उठे हैं। अब तो मृत्यु का समय पास आ गया है , यह जानकर मन बहुत व्याकुल और विचलित हो उठता है।
12: ” कहीं -कहीं आवन छबीले मनभावन को , गहि गहि राखति ही दै दै सनमान को ” इस पंक्तियों का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि मेरी दयनीय दशा का संदेश मेरी सुन्दर मनभावन प्रेमिका तक पहुंचा दिया जाता है और वह भी उन संदेशों को सम्मान पूर्वक लेकर रख लेती है। लेकिन उसके बाद भी मिलने नहीं आती है , उसकी झूठी बातों पर विश्वास करके कवि घनानंद उदास हो गया है।
13: मौन हूँ सौ देखिहौं कितेक पैन पालिहों जू , कुक भरी मुक्ता बुलाय आप बोलिहे। इस पंक्तियों का भावार्थ लिखो।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि अपनी प्रेमिका से पूछता है कि तुम चुप रहकर के कितनी प्रतिज्ञा का पालन करोगी। मेरी ख़ामोशी से भरी हुई पुकार सुनकर तुम ज़रूर ही बोलोगी। कवि कहना चाहता है कि उसकी ख़ामोशी उसकी प्रेमिका को बोलने पर मजबूर कर देगी। मेरे दिल की पुकार उसके कानों तक ज़रूर पड़ेगी और वह अवश्य ही बोलेगी।
14: तब तो छवि पी वत जीवित है , अब सोचन लोचन जात जरै। हित- पोश के तोश सु प्रान पले , विल्लात महा दुःख दोष भरे। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: इन पंक्तियों का आशय है कि कवि प्रेमी युगल की संयोग और वियोग की स्थितियों का वर्णन करते हुए लिखता है कि संयोग अवस्था में हम प्रिय के सुन्दरता रुपी सुधा का पान अपने नैनों से करते हुए जी रहे थे। परन्तु अब वियोग की दशा में प्रिय के विरह में यह नेत्र विरह के शोक में जल रहे हैं। संयोग के समय में प्रिया के प्रेम से पुष्ट होकर के प्राण पाल रहे थे।
15: पूर्ण प्रेम को मन्त्र महापन जा मधि सोधि सुधारि है लेखकों। ताहि के चारु चरित्र विचित्रनी यो प्राचिकै रचित राखि बिसेखयो। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: कवि प्रेमिका द्वारा अपना प्रेम पत्र बिना पढ़े फाड़ देने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहता है कि जिस हृदय रुपी प्रेम पत्रमें पूर्ण प्रेम के मन्त्र को महान प्रतिज्ञा के साथ मैंने भली -भांति शुद्ध करके लिखा था। जिस हृदय रुपी प्रेम पत्र को उसी प्रिया के सुन्दर तथा अद्भुत चरित्र से विशेष रूप से बना कर रखा था। ऐसा हृदय रुपी पवित्र प्रेम पत्र जिसमे किसी दूसरे के सम्बन्ध में मैंने कहीं कुछ भी नहीं लिखा था।
लघु उत्तरीय प्रश्न
16: चाहत चलन यह संदेशो ले सुजान को। इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: इस पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि कवि की प्रेमिका का नाम सुजान है और वह उससे बहुत प्रेम करता है। वह उससे मिलना चाहता है लेकिन वह उससे मिल ही नहीं रही है। उसके द्वारा भेजे गए सन्देश भी वह ले लेती है लेकिन कोई उत्तर नहीं देती है। कवि मरने की स्थिति में पहुँच गया है। उसे लगता है कि कभी भी उसके प्राण निकल सकते हैं। वह अपनी प्रेमिका सुजान तक यह सन्देश पहुँचाना चाहता है कि उसके दर्शनों की अभिलाषा में ही उसके प्राण अब तक अटके हुए हैं इसलिए वह आकर उसे दर्शन दे।
17: कवि अपनी प्रेमिका की परीक्षा कैसे लेता है ?
उत्तर: कवि अपनी प्रेमिका के ना मिलने बहुत व्याकुल है क्यूंकि वह उसकी बातों को सुनकर भी अनसुना कर देती है। वह इतनी कठोर हो गयी है कि उसे उसके लाख बुलाने पर भी जवाब नहीं देती है। वह पहले ऐसी नहीं थी। कवि अपने दिल से उसे बुलाता है , मुख से मौन रहता है। वह अब यह देखना चाहता है कि उसकी ख़ामोशी तथा हृदय की पुकार का उसकी प्रेमिका पर क्या असर होगा। वह कब तक उससे ना बोलने की अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहती है। उसे विश्वास है कि उसके हृदय की पुकार उसकी प्रेमिका तक एक दिन ज़रूर पहुंचेगी और वह उससे बात करने पर विवश हो जाएगी। उसके मरने जैसी दशा देखकर उसकी प्रेमिका ज़रूर आएगी।
18: घनानंद की रचनाओं की भाषा की विशेषता को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर: घनानंद रीतिमुक्त काव्यधारा के प्रसिध्द कवि माने जाते हैं। उन्होंने ब्रज भाषा का प्रयोग किया है। उन्होंने कोमल कान्त पदावली का भी प्रयोग किया है। उनके काव्य में श्रृंगार के सहयोग एवं वियोग दोनों पक्षों का चित्रण है। अब वियोग अवस्था का चित्रण अत्यंत अनूठा एवं सजीव बन गया है। उनके काव्य में अनुप्रास , श्लेष , पुनरुक्ति प्रकाश आदि अलंकारों का प्रयोग किया गया है। इसमें कविता , छंद, आदि का भी प्रयोग हुआ है। इनके काव्य में गेयता , संगीत आत्मकथा का गुण मिलता है।
19: “कान खोली है ” से कवि का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: इस वाक्य से कवि का अभिप्राय है कि उसकी प्रेमिका कब तक उसकी बात नहीं सुनेगी। कब तक उसके हृदय की आवाज़ को नहीं सुनेगी। कब तक उसकी बात को यूँ ही अनसुनी करती रहेगी। कब तक इतनी कठोर बनेगी कि उसके कानों तक कोई आवाज़ न आये। कब तक कानों में रुई डाले बैठी रहेगी। कब तक वह ऐसे करके उसे दर्द देती रहेगी। कवि कहना चाहता है कि उसे पूरा विश्वास है कि उसकी प्रेमिका अवश्य उसे देखने आएगी। उसके हृदय की बात अवश्य सुनेगी। वह यूं अनजान नही बनेगी। अपने कानो पर से रुई निकलेगी और उससे मिलने अवश्य आएगी।
20: ” आनाकानी आरसी निहोरिबो करोगे खोलो ? कहा मो चकित दबा त्यों न दीठि डोली है ? इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर: इस पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि वह कब तक बेरुखी दिखाती रहेगी। कब तक वह दर्शन देने को मना करती रहेगी। कवि अपनी प्रियतमा सुजान से बेरुखी त्याग कर दर्शन देने का अनुरोध करता है। कवि कहता है कि तुम कब तक मेरी पुकार को अनसुना करके स्वयं को अपनी अंगूठी में लगे हुए दर्पण में देखती रहोगी ? क्या मेरी इस परेशानी और हैरानी से भरी हुई दशा को देखकर भी तुम्हारी दृष्टि विचलित नहीं होगी ? इस वाक्य में कवि अपनी प्रियसी से पूछता है कि वह कब तक खामोश रहकर प्रतिज्ञा का पालन करेगी। कब उसे उसकी याद आएगी और वह प्रतिज्ञा को तोड़कर उसके पास मिलने आएगी। वह कहना चाहता है कि उसकी ख़ामोशी से भरी हुई पुकार सुनकर उसकी प्रेमिका अवश्य आएगी।