Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 16 Gandhi, Nehru, aur Yasser Arafat
For an important chapter like Chapter 16, Gandhi, Nehru, and Yasser Arafat, it is necessary to have all the important study materials. Students should begin by focusing on understanding the overall context of the chapter and then move on to attempting to answer the additional questions. After that, they are required to take the mock test so that they can evaluate how well they have prepared. The important questions formulated by the professionals will guide students in meeting their demands in this situation.
The subject matter specialists at Extramarks are responsible for developing these important questions. They have adhered to the most recent syllabus and ensured that the CBSE Class 12 Hindi requirements were met. Practising these questions will help students measure the preparation they need to pass with good marks on the exam.
If students answer these important questions, they can determine the areas in which they need to concentrate more by comparing their answers to the solutions provided for the important questions. They will also learn how to answer certain questions included in this chapter, allowing them to score higher on the examinations.
Chapter 16 of the Hindi Antra textbook for CBSE Class 12 strongly emphasises Gandhi, Nehru, and Yasser Arafat. The author describes his experience meeting three of the most important leaders in the world. Download the CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 16 Gandhi, Nehru, and Yasser Arafat Important Questions and practise them to understand this chapter’s backdrop better. To increase the speed of preparation, you should get the important questions and study them to answer these questions in the exam.
Download a free PDF of the Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 16 Gandhi, Nehru, and Yasser Arafat. These questions and answers were put together by qualified Hindi experts using the most recent NCERT Books.
CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 16 Gandhi, Nehru aur Yasser arafat
Study Important Questions for Class 12 Hindi(Antra) Chapter 16 – गाँधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- बलराज जी क्या नौकरी करते थे?
उत्तर: बलराज जी ‘नयी तालीम’ नाम की पत्रिका में सह-संपादक थे|
- कांग्रेस का ‘हरिपुरा अधिवेशन’ कब हुआ था?
उत्तर: कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन सन 1938 में हुआ था।
- गाँधी जी के टहलने का समय क्या था?
उत्तर: गाँधी जी रोज प्रात: 7 बजे टहलने के लिए निकला करते थे|
- सुबह टहलते समय गाँधी जी के साथ और कौन-कौन रहा करता था?
उत्तर: गाँधी जी के साथ सुबह अक्सर डॉक्टर सुशीला नय्यर और गाँधी जी के निजी सचिव महादेव देसाई टहलने जाया करते थे।
- मिस्टर जान कौन थे?
उत्तर: मिस्टर जान रावलपिंडी शहर के जाने माने बैरिस्टर थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- लड़का, बापू को बार-बार क्यों याद कर रहा था?
उत्तर: एक पन्दरह साल के लड़के ने ज़्यादा ईख पी ली थी| जिसकी वजह से उसका पेट फूल गया था| वह गाँधी जी को बार-बार याद कर रहा था| क्योंकि उसे लगता था कि अगर गाँधी जी एक बार उसके पेट पर हाथ फेर देंगे तो वह ठीक हो जायेगा|
- गाँधी जी रोज़ कच्ची सड़क पर क्या करने जाया करते थे?
उत्तर: नयी सड़क पर एक रोगी व्यक्ति रहा करते थे, जो हृदय रोग से पीड़ित थे| गांधी जी रोज जब टहलने जाया करते थे तो उनका हाल-चल जानने के लिए नयी सड़क पर जाया करते थे|
- शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में क्या हुआ था?
उत्तर: शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेहरु जी का कश्मीर आगमन के समय स्वागत हुआ था| नेहरु जी का कश्मीर आगमन बहुत ही आश्चर्य जनक तरीके से हुआ था|
- मेज पर नेहरू जी के साथ कौन-कौन बैठा था?
उत्तर: उस दिन नेहरु जी के साथ मेज पर बहुत ही विशिष्ठ लोग बैठे थे जैसे – शेख अब्दुल्ला, खान अब्दुल्ला गफ्फार खान, श्रीमती रामेश्वरी नेहरू और उनके पति आदि।
- ट्यूनीशिया में क्या आयोजन होने वाला था?
उत्तर: ‘एफ्रो-एशियाई लेखक संघ’ का एक बड़ा सम्मलेन ट्यूनीशिया की राजधानी ट्युनिस में होने जा रहा था| उस सम्मलेन में भारत से भी एक प्रतिनिधिमंडल जा रहा था| जिसमें सर्वश्री कमलेश्वर, जोगिंदरपाल, बालू राव, अब्दुल बिस्मिल्लाह, आदि शामिल थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)
- यास्सेर अराफात के गांधी जी के विषय में क्या विचार थे?
उत्तर: यास्सेर अराफात गाँधी जी को अपना नेता मानते थे| अराफात जी कहते थे कि गाँधी जी पुरे विश्व के नेता हैं| इससे पता चलता है की गांधी जी की शिक्षाएं और उनके विचार भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में लोकप्रिय थे| हर कोई गांधी जी के अहिंसावादी स्वतंत्रता आन्दोलन से प्रेरित था|
- लेखक ने सेवाग्राम में आने वाले किस-किस व्यक्ति का जिक्र इस पाठ में किया है?
उत्तर: लेखक ने सेवाग्राम में गाँधी जी, जवाहरलाल नेहरू, यास्सेर अराफात, पृथ्वी सिंह आजाद, खान अब्दुल, मीरा बेन, राजेन्द्र बाबू, कस्तूरबा गाँधी, इत्यादि लोगों के आने का जिक्र अपने पाठ में किया है।
- गाँधी जी का व्यवहार रोगी लड़के के लिए कैसा था?
उत्तर: इस 15 साल के लड़के ने बहुत ज्यादा ईख पी ली थी| जिससे उसका पेट फूल गया था और वो परेशान था| ये लड़का लेटा हुआ पैर पटक रहा था| वो लड़का बार-बार गाँधी जी को याद कर रहा था और कह रहा था कि गाँधी जी उसे ठीक कर देंगे| गाँधी जी जब उस लड़के के पास आये तो उन्होंने प्यार से उस लड़के के पेट पर हाथ फेरा और प्यार से बोले “इसने ज्यादा ईख पी ली है| चल अब उल्टी कर”| गाँधी जी उसकी पीठ सहलाते रहे| उल्टी करने के बाद उस लड़के को आराम मिल गया तो गांधी जी उस लड़के से बोले “तू भी पागल है”| गांधी जी का व्यवहार उस लड़के के लिए आत्मीयता भरा और अपनत्व लिए था|
- भारत, फिलिस्तीन के प्रति सहनुभूति रखता था और फिलस्तीन का समर्थन करता था, क्यों?
उत्तर: दुनिया का कोई भी देश फिलिस्तीन का समर्थन नहीं कर रहा था| जबकि फिलिस्तीन के नागरिक बहुत ही मृदुभाषी और अच्छे आचरण वाले थे| लेकिन कोई भी देश ऐसा नहीं था जो फिलिस्तीन को आगे बढ़ने में सहयता करे| इस परिस्थिति में भारत का रवैया फिलिस्तीन के प्रति सहयोगी और सहानुभूतिपूर्ण था और भारत फिलिस्तीन को समर्थन करता था|
- यास्सेर अराफात कैसी मेहमान नवाज़ी करते थे?
उत्तर: यास्सेर अराफात अपनी मेहमान नवाज़ी के लिए प्रसिद्द थे| वो अपने मेहमानो का दिल जितना जानते थे| वो अपने मेहमानों को शहद का शरबत पिलाते थे और सभी से बहुत ही आत्मीयता और विनम्रता से बात करते थे| वो खुद अतिथियों को खाना खिलाते थे और उनको मीठे शहद की चटनी के किस्से सुनाते थे|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)
- लेखक गांधी जी के साथ टहलने को लेकर किस प्रकार उत्साहित था?
उत्तर: जब लेखक के भाई ने लेखक को बताया कि गाँधी जी रोज़ सुबह 7 बजे यहीं पर टहलने आतें हैं तो, लेखक सुनकर बहुत ही उत्साहित हो गया| लेखक सुबह 7 बजे से पहले ही उठकर वहाँ पहुँच गए| जब लेखक ने गाँधी जी को देखा तो लेखक आश्चर्यचकित रह गया| क्योंकि गाँधी जी अपने चित्र में भी बिलकुल ऐसे ही दिखते थे| लेखक ने गाँधी से ये कहा भी कि बापू आप तो अपने चित्र की तरह ही दिखते हो| इस पर गाँधी जी मुस्कुरा दिए| फिर लेखक गांधी जी के साथ ही टहलने लगे| गाँधी जी का व्यवहार लेखक के लिए आत्मीयता भरा था| गाँधी जी के साथ घूमना लेखक के जीवन का अमूल्य अनुभव बन गया था|
- लेखक ने गाँधी जी से क्या बातें की?
उत्तर: लेखक को कुछ सूझ ही नहीं रहा था की वो गांधी जी से क्या बातें करे? फिर लेखक को गाँधी जी का रावलपिंडी का दौरा याद आया तो लेखक ने पुछा “क्या आपको याद है एक बार आप रावलपिंडी आये थे” ये सुनकर गांधी जी सहसा रुक गए और उनकी आँखों में चमक आ गयी| गांधी जी ने मुस्कुराते हुए कहा “हाँ याद है, वहाँ मैं मिस्टर जान साहब के यहाँ गया था| वो शहर के विख्यात मुस्लिम बैरिस्टर थे| वो बहुत सज्जन थे|” फिर गांधी जी लेखक को अपनी उस यात्रा से जुड़े संस्मरण सुनाने लगे| गांधी जी ने बताया कि उस समय वो काफी जवान थे और बिना थके पुरे दिन काम कर लेते थे| बातों का सिलसिला शुरू हुआ तो गाँधी जी के आश्रम के गेट तक पहुँचने तक ये चलता रहा| लेखक गांधी जी के संमरण सुनकर प्रफुल्ल्लित थे| लेखन ने लिखा है की गाँधी जी बहुत मृदु भाषी थे| वो इतनी धीमी आवाज़ में बात करते थे, जैसे वो खुद से ही बात कर रहें हों|
- नेहरू जी की कश्मीर यात्रा के समय कश्मीर में उनका स्वागत कैसे किया गया था?
उत्तर: नेहरु जी जब कश्मीर गए थे तो वहाँ उनके स्वागत की बहुत ही बड़ी तैयारी की गयी थी| नेहरु जी के स्वागत का सारा इंतजाम शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में हो रहा था| कश्मीर की खुबसूरत झेलम नदी में शहर के एक हिस्से से शहर के दूसरे हिस्से तक, सातवे पुल से अमिराकदल तक, नावो के काफ़िले में नेहरु जी की शोभायात्रा हुई थी| नदी के दोनों किनारों पर हज़ारो लोगो की भीड़ जमा थी जो नेहरु जी का स्वागत हाथ हिला कर कर रही थी| ये दृश्य बहुत ही अद्भुत था और आम जनता में बहुत ही ज्यादा उत्साह था| शोभायात्रा के बाद नेहरु जी लेखक के फुफेरे भाई के घर पर ही ठहरे थे| लेखक ने भी अपने भाई से निवेदन करके नेहरु जी की देखभाल में हाथ बटाया था|
- नेहरू जी ने कौन सी कहानी सुनाई थी?
उत्तर: नेहरु जी ने फ्रांस के मशहूर लेखक अनातोले की कहानी सुनाई थी| ये कहानी पेरिस शहर में रहने वाले एक गरीब बाज़ीगर की थी| वो गरीब बाज़ीगर करतब दिखाकर अपना पेट पालता था| क्रिसमस के त्यौहार पर सभी लोग गिरजाघरों में माता मरियम के दर्शन के लिए महंगे-महंगे तोहफ़े लेकर जा रहे थे| लेकिन वो बाज़ीगर उदास था, क्योंकि उसके पास माता मरियम को देने के लिए कोई भी तोहफा नहीं था| लेकिन फिर उस बाज़ीगर ने सोचा कि क्यों ना वो माता मरियम को अपने करतब दिखाए| तो वो गिरजाघर में गया और माता मरियम को अपने करतब करके दिखाने लगा| वो बाज़ीगर आज अपनी जिन्दगी में सबसे ज्यादा ज़ोश में करतब कर रहा था| बाज़ीगर थक गया था और पसीने से तरबतर था| करतब करते समय एक बार बाज़ीगर ने सर निचे और पैर ऊपर किया था| ये करतब देखकर कर वहाँ के बड़े पादरी को गुस्सा आ गया क्योंकि उसे ये माता मरियम का अपमान लगा| पादरी चिल्लाता हुआ बाज़ीगर की तरफ चला और बोला बाहर निकालो इसे यहाँ से| लेकिन तभी माता मरियम की मूर्ति हिली और माता मरियम ने आगे आकर अपने आँचल ने उस बाज़ीगर का पसीना पोछा और उस बाज़ीगर का सर सहलाया|
- लेखक भीष्म साहनी का संक्षिप्त जीवन परिचय लिखिए।
उत्तर: भीष्म साहनी जी का जन्म सन 1915 मे रावलपिंडि, पाकिस्तान मे हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा रावलपिंडी में ही हुई थी| इन्होने 1937 में लाहौर के ‘लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज’ से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए तथा 1958 में ‘पंजाब विश्वविद्यालय’ से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद ये अवैतनिक शिक्षक के रूप में काम करने लगे और साथ ही साथ व्यापार भी करने लगे| भारत विभाजन के बाद पकिस्तान से सभी हिन्दुओ को भगा दिया गया तो भीष्म सहनी भी भारत आ गए| यहाँ पर इन्होने अखबारों के लिए लेखन कार्य शुरू कर दिया| मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह (फॉरेन लैंग्वेजेस पब्लिकेशन हाउस) में अनुवादक का काम करते हुए इन्होने दो दर्ज़न रुसी किताबों का हिंदी में अनुवाद किया। ये ‘नई कहानीयाँ’ नामक पत्रिका के संपादक भी रहे| वे ‘प्रगतिशील लेखक संघ और एफ्रो-एशियाई लेखक संघ (एफ्रो एशियन राइट्स एसोसियेशन)’ से भी जुड़े रहे। भीष्म साहनी को आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से एक के रूप में जाना जाता है। भीष्म साहनी वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थे| इनके बड़े भाई “बलराज साहनी” विख्यात भारतीय अभिनेता थे| इनके लिखे उपन्यास ‘तमस’ के लिए 1975 में इन्हे साहित्य अकादमी पुरुष्कार से सम्मानित किया गया| इन्हे 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन के लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरु पुरुष्कार से सम्मानित किया गया था| इन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण सम्मान से भीअलंकृत किया| इनकी मृत्यु सन 2003 में हुई थी।