Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 4 – Banaras, Disha
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In the second poem, ‘Disha’, the poet talks about the directions of the mind. He goes to a child and asks the child, “In which direction do the great Himalayas stand? The little child says, “In whichever direction my kite flies, you can find the Himalayas’. The poet claims that for the first time in his life, he understands directions, the directions of our minds. This is a beautiful poem that highlights the fickleness of the human mind. It is just a kite, directionless, and free-flowing.
Both of these poems are very interesting and offer deep insights into the human mind, philosophy, and spirituality. They depict beautiful uses of language to express deep thoughts and emotions.
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CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 4 – Banaras, Disha
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अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- ‘बनारस’ कविता में कवि ने किसकी विशेषता का वर्णन किया है?
उत्तर: कवि ने ‘बनारस’ कविता में बनारस नगर की सुन्दरता और आध्यात्मिक सौंदर्य का वर्णन किया है| कवि ने बनारस मे वसंत ऋतु के समय होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों के सौंदर्य का वर्णन भी किया है| इसके अतिरिक्त बनारस के मंदिरों और नदियों का वर्णन किया है|
2.निम्न शब्दों का शब्दार्थ लिखिए।
दृढ़ता, समूचे तथा घुसना
उत्तर: दृढ़ता – पक्का निश्चय करना
समूचे – सारा
घुसना – अंदर आना
2.निम्न शब्दों का विलोम शब्द लिखिए।
आधा, शव तथा स्वीकार
उत्तर: आधा – पूरा
शव – जिंदा
स्वीकार – अस्वीकार
4.निम्न शब्दों का पर्यायवाची शब्द लिखिए।
शहर, घाट तथा आलोक
उत्तर: शहर – नगर, पुर, पूरी
घाट – भरणतट, सेतु, तट
आलोक – प्रकाश, तेज, आभा, चमक
- रिक्त स्थान को पूरा करों।
मैंने उस बच्चे से………………….उड़ा रहा था|
उत्तर: मैंने उस बच्चे से पूछा जो स्कूल के बाहर पतंग उड़ा रहा था।
लघु उत्तरीय प्रश्न (अंक 2)
- मोहल्ले में धूल क्यों छा जाती है?
उत्तर: कवि वसंत ऋतू के आगमन और उसके आने पर वातावरण में होने वाले परिवर्तन के बारे में बता रहें हैं| कवि कहतें हैं कि वसंत ऋतू के आगमन के साथ ही धुल का बवंडर उठने लगता है, जो वातावरण में परिवर्तन ला देता है| सारे मुहल्ले में धूल छा जाती है|
- कवि ने कविता में बनारस के भिखारियों के बारे में क्या उल्लेख किया है?
उत्तर: कवि बनारस के भिखारियों के बारे में बताते हुए कहतें हैं की वसंत ऋतू के आने के साथ ही भिखारियों की आँखें भी चमक उठती हैं| क्योंकि उन्हें लगता है कि ये वसंत उनके जीवन के खालीपन को भी भर देगा| वसंत उनके खाली कटोरों उतर कर उन्हें भर देता है|
3..‘बच्चे का उधर–उधर कहना’ प्रस्तुत पंक्तियों का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: जब कवि एक पतंग उड़ा रहे बच्चे से पूछता है की हिमालय पर्वत किधर है तो बच्चे उमंग के साथ उधर–उधर कहकर कवि को बताते हैं| बच्चे जो उधर–उधर कह रहे थे, इससे उनका अभिप्राय उस दिशा की तरफ था जिस तरफ उनकी पतंग उड़ रही थी|
4.बनारस शहर की तीन विशेषताएं लिखो।
उत्तर: बनारस शहर की निम्न विशेषता हैं–
1) बनारस भारत के सबसे प्राचीन नगरो में से एक है।
2) आज भी गंगा नदी वहीं पर है।
3) सैकड़ों वर्षों बाद भी तुलसीदास के खड़ाऊ वहीं पर रखे हुए है।
कवि का तात्पर्य है कि इस नगर ने अपनी प्राचीनता को सहेज कर रखा है| जो चीज सैंकड़ो–हज़ारो वर्ष पहले जहाँ थी, आज भी वहीँ हैं|
- कवि ’धीरे–धीरे’ शब्द के माध्यम से बनारस नगर के विषय में क्या संकेत दे रहें हैं|
उत्तर: कवि “धीरे–धीरे’ शब्द के माध्यम से बनारस नगर के उत्तरोत्तर आचरण के विषय में बता रहें हैं| कवि कह रहें हैं कि बनारस में हर कार्य धीरे –धीरे होता है| यहाँ हवा भी धुल को धीमी गति में ही उड़ाती है| बनारस में लोग भी धीरे चलते हैं| इस तरह कवि ने बनारस नगर के कण–कण में व्याप्त सामूहिक लय को दर्शाया है|
लघु उत्तरीय प्रश्न (अंक 3)
- इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करे।
इस शहर में वसंत ……………….जीभ किरकिराने लगती है।
उत्तर: कवि इस पंक्ति में कह रहें हैं कि जब भी बनारस में वसंत आता है तो धुल के गुबार उठने लगते हैं| मुहल्ले धुल से भर जातें हैं और सभी को अपनी जीभ पर धुल का किरकिरापन महसूस होने लगता है| ये सभी संकेत वसंत ऋतू के आगमन का आभास करवा देते हैं|
- प्रस्तुत पंक्ति आशय स्पष्ट करे|
जो है वह सुगबुगाता………… मुलायम हो गया है।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि वसंत ऋतू के आने के बाद के परिवर्तनों का विवरण दे रहें हैं| कवि कह रहें हैं कि वसंत ऋतू आने के बाद बनारस एकदम से बदल जाता है| ऐसा लगता है कि जैसे हर बनारस वासी का नया जन्म हुआ हो| सभी लोगो में नयी चेतना और उमंग का संचार हो जाता है| गंगा के जल के किनारों को छूने से गंगा तट के पत्थर भी मुलायम हो जाते हैं| और ये गंगा जल सबके मनो में से नकारात्मकता और कडवाहट को दूर करके उन्हें भी मधुर और कोमल बना देता है|
3.कवि ने ‘बनारस’ कविता में किसका चित्रण किया गया है?
उत्तर: ‘बनारस’ कविता में कवि बनारस नगर के सांस्कृतिक और सामाजिक सौंदर्य की विशेषताओं का चित्रण कर रहें हैं| कवि ने कविता में बनारस की सामूहिक लय को दर्शाया है जो उसे अनोखा बना देती है| बनारस में जैसे गंगा पुरातन काल से बह रही है वैसे ही बनारस में हर चीज़ वहीँ हैं जहाँ वह कभी थी| बनारस ने अपनी पुरातनता को सहेज कर रखा है| ये सभी विशेषतायें बनारस को अनोखा बना देती हैं|
- निम्नलिखित पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिये।
आखिरी पत्थर कुछ और मुलायम हो गया है।
उत्तर: इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि जब गंगा का जल वसंत ऋतू में किनारे के पत्थरों को छूता है तो वो पत्थर भी मुलयम हो जातें हैं| इस प्रकार ही जब बनारसवासी गंगा में स्नान करते हैं तो गंगा जल उनको छूकर उनके दिलो की कड़वाहट को दूर करके उसे शीतल और मधुर बना देता है|
- इन पंक्तियों से कवि क्या अभिव्यक्त करना चाहते हैं|
सीढ़ी पर बैठे बंदरों की आँखों में
एक अजीब सी नमी है,
और एक अजीब सी चमक से भर उठा है।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि कह रहें हैं कि वसंत ऋतू का आगमन बनारस नगर के मानवों में ही नहीं बल्कि वहाँ के पशुओ और प्रकृति में भी बदलाव ला देता है| बनारस नगर के पशुओ की आँखे भी चमक उठती हैं| गंगा घाट पर बैठे बंदरो की आँखों में एक चमक और नमी दिखाई दे रही हैं| बंदरो के अन्दर प्रेम का भाव दिखाई दे रहा है| जैसे उन्हें अब किसी से कोई घृणा या भय नहीं है|
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (अंक 5)
6.बनारस शहर पर वसंत का प्रभाव कैसा है? वर्णन करों।
उत्तर: बनारस शर में जैसे ही वसंत ऋतू का अगमान हुआ है तो बनारस नगर में धुल का गुबार उठने लगा है और शहर में हर तरफ़ धुल ही धुल है| मुहल्ले धुल से भर चुके हैं| इस उड़ती धुल के कारण लोगो की जीभ पर एक किरकिरापन महसूस होने लगा है| वसंत ऋतू के आगमन के साथ ही बनारस में एक नयी चेतना और उर्जा का संचार होने लगता है| भिखारियों की आँखें भी चमक जाती हैं इस उम्मीद में की अब उनके खाली कटोरे भी भर जायेंगे| वसंत ऋतू का आगमन बनारस के हर कण को बदल देता है| घाट पर बैठे बंदरो की आंखे भी चमक रही हैं और नम हैं| गंगा के जल ने किनारे के पत्थरों को छू–छूकर मुलायम बना दिया है| ठीक ऐसे ही वसंत ऋतू के आगमन पर ये गंगा जल बनारस वासियों के हृदय से भी कठोरता और कड़वाहट को दूर करके उसे कोमल और मधुर बना देता है|
- इन पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
‘खाली कटोरो में वसंत का उतरना’
उत्तर: ‘खाली कटोरों में वसंत का उतरना’ इस पंक्ति के माध्यम से कवि वसंत ऋतू के आगमन के साथ भिखारियों के जीवन में आने वाले परिवर्तन के विषय में बता रहें हैं| कवि कह रहें हैं कि वसंत के अगमान के साथ ही भिखारियों की आँखों में चमक आ जाती है| उनमें नयी उम्मीद का संचार होता है, क्योंकि उन्हें पता है कि वसंत ऋतू में लोग दान–पुण्य करते हैं| जिस कारण अब लोग उनके खाली कटोरों को भर देंगे| इस तरह उनके खाली कटोरे भर जायेंगे| इसलिए कवि ने कहा है कि वसंत भिखारियों के खाली कोटरों में उतरता है|
- कवि ने बनारस की पूर्णता और रिक्तता का कैसे वर्णन किया है?
उत्तर: कवि ने अपनी कविता में बनारस की पूर्णता और रिक्तता दोनों को दर्शाया है| कवि ने बनारस के घाटों पर लगने वाली भीड़ के विषय में बताते हुए इसे बनारस की पूर्णता का प्रतीक कहा है| कवि के अनुसार बनारस के गंगा घाट पर पुण्य कर्म व अन्य कार्यों के लिए लोगो की भीड़ एकत्र रहती है| कवि इसे बनारस की पूर्णता कहतें है| लेकिन दिन ढलने के साथ बनारसवासी वापस अपने घरों में चले जाते हैं| जिस कारण बनारस के घाट और वहाँ के रास्ते सुने हो जातें हैं| इस सूनेपन को कवि ने बनारस की रिक्तता कहा है|
- कवि ने ‘धीरे–धीरे’ शब्द का प्रयोग बनारस शहर के संदर्भ में क्यों किया है, स्पष्ट कीजिये?
उत्तर: कवि ने धीरे–धीरे शब्द का उपयोग बनारस नगर की सामूहिक लय को प्रदर्शित करने के लिए किया है| कवि कहतें हैं कि यहाँ हर काम धीरे–धीरे उत्तरोत्तर गति से होता है| यहाँ के लोग भी धीरे–धीरे चलते हैं| बनारस के लोग अपनों के सम्मान और उनसे भाईचारा निभाने को पूरा समय देते हैं| जहाँ हर जगह की संस्कृति को उन्नति ने निगल लिया है और सारी मानव सभ्यता एक भाग–दौड़ में लगी है| बनारस के लोग आज भी बेफिक्री के साथ जीवन का आनन्द उठा रहें हैं| ये जो सामूहिक लय है ये सिर्फ बनारस के वासियों ही नहीं बल्कि वहाँ के वातावरण में भी व्याप्त है| यहाँ हवा भी धुल को धीरे–धीरे ही उड़ाती है| और अपनी इस सामूहिक लय के कारण बनारस ने अपनी पुरातन संस्कृति और पहचान को सहेज कर रखा है| कवि ने इस लय को प्रदर्शित करने के लिए ही ‘धीरे–धीरे’ शब्द का उपयोग किया है|
- कवि ने बनारस शहर में ‘सई साँझ’ समय की क्या विशेषता बताई है?
उत्तर: बनारस में ‘सई साँझ’ में कवि ने बनारस की शाम के वातावरण का वर्णन किया है| सई सांझ के समय बनारस के मंदिरों से घंटियों की ध्वनि आनी शुरू हो जाती है| शाम की आरती की तैयारियां शुरू हो जाती हैं और लोगो की भीड़ मंदिर में एकत्र होना शुरू हो जाती है| सूर्यास्त के साथ बनारस का माहौल ऐसा बन जाता है जिसे देखकर लगता है पूरा शहर आधा पानी में डूबा है| सभी लोग भक्ति में लीन हो जातें हैं| बनारस में शाम को लोग थके हुए नहीं बल्कि उमंग से भरे और बेफ़िक्र दिखाई देते हैं| सबकी आँखों में अपनी संस्कृति के प्रति निष्ठा दिखाई देती है| दुनिया में सई साँझ का समय बनारस में ही सबसे सुन्दर होता है| इसलिए कवि ने बनारस की सई सांझ को बहुत विशेष बताया है|