Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antral Chapter 4 – Aapna Malwa – Khau Ujaru Sabhyata Me
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CBSE Class 12 Hindi Antral Important Questions Chapter 4 – Aapna Malwa – Khau Ujaru Sabhyata Me
Study Important Questions Class 12 Hindi Chapter 4 – अपना मालवा – खाऊ उजाडू सभ्यता में
Chapter 4 – अपना मालवा – खाऊ उजाड़ू सभ्यता में
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1: मालवा क्या है ?
उत्तर: मालवा एक प्रदेश का नाम है। जिसका वर्णन लेखक ने पाठ में किया है।
2: लेखक औद्योगिक सभ्यता को क्या कहते हैं ?
उत्तर: लेखक औद्योगिक सभ्यता को उजाड़ की सभ्यता कहते हैं।
3: भारत में उजाड़ ( औद्योगिक) सभ्यता किसके कारण आई ?
उत्तर: लेखक बताते हैं कि भारत की उजाड़ (औद्योगिक) सभ्यता यूरोप और अमेरिका के कारण आयी।
4: सबसे पहले उद्योग की स्थापना कहाँ हुई ?
उत्तर: सबसे पहले उद्योग की स्थापना अमेरिका और यूरोप में हुई।
5: बिना चीनी के चाय कौन पिलाता है ?
उत्तर: बिना चीनी के चाय नगर स्टेशन पर मीणा जी पिलाते थे।
लघु उत्तरीय प्रश्न
6: लेखक ने अपना मालवा अध्याय में क्या वर्णन किया है ?
उत्तर: लेखक ने अपना मालवा अध्याय में मालवा के लोगों का सामान्य जीवन वहां की प्राकृतिक घटनाओं और उनका जन जीवन पर प्रभाव , मौसम , नदियां, आदि का वर्णन किया है। लेखक ने मालवा की संस्कृति का वर्णन भी अपना मालवा अध्याय में किया है।
7: कुछ राजाओं के नाम लिखो जिन्होंने जल संरक्षण में अपना योगदान दिया ?
उत्तर: राजा विक्रमादित्य ,राजा भोज , राजा मुंज, ने जल संरक्षण के लिए अनेक प्रयास किये। जिससे मुश्किल समय में पानी की आपूर्ति हो सके। इन्होने जल संरक्षण में अपना अहम् योगदान दिया।
8: पुरइन किसे कहते हैं ?
उत्तर: हिन्दू धर्म के अनुसार हिन्दू धर्म में भोजन कमल पत्रों पर परोसा जाता है। इन्हीं कमल पत्रों का पुरइन कहता है। प्राचीन समय में भी खाना पत्रों पर ही परोसा जाता था। आज भी बहुत सी जगहों पर ऐसा होता है।
9: भारत की नदियाँ गन्दी क्यों हैं ?
उत्तर: भारत की नदियां खासतौर पर भारतीय लोगों के अंधविश्वास के कारण गन्दी है। क्यूंकि लोग पूजा की सामग्री को नदियों में बहा देते हैं। शव को भी वे नदियों में बहा देते हैं। कुछ ऐसे लोग जो अपने देश को साफ करना अपना कर्तव्य नहीं समझते। वे कूड़ा , प्लास्टिक की चीज़ों को भी नदियों में बहा देते हैं। इन सभी कारणों के कारण भारत की नदियाँ गन्दी है।
10: वायुमंडल पर कार्बन डाइऑक्साइड का क्या प्रभाव पड़ रहा है ?
उत्तर: वायुमंडल पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस का प्रभाव पड़ता है। इस गैस की अधिकता के कारण धरती का तापमान बढ़ जाता है। जिस कारण प्राकृतिक घटनाएं घटित होती है जो जन जीवन को अधिक प्रभावित करती है। यह वायुमंडल के संतुलन को बिगाड़ देती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
11: ओंकारेश्वर में नर्मदा पर बनते बाँध को देखकर लेखक को क्या ख्याल आता है ?
उत्तर: ओंकारेश्वर में नर्मदा पर बनते बाँध को देखकर लेखक को नर्मदा नदी पर बन रहे बाँध को देखकर ख्याल आता है। यह बाँध सीमेंट और कंक्रीट से बन रहा है। वह अधिक ऊंचा है इसलिए किसी राक्षस के समान लग रहा है। जो नर्मदा नदी की गति में अवरोध उत्पन्न कर रहा है।
12: वातावरण के नर्म होने का क्या कारण है ?
उत्तर: वातावरण के अधिक गर्म होने के कारण लेखक के कार्बन डाइऑक्साइड , वनों की कटाई , हानिकारक अन्य गैसों का उत्सर्जन , उद्योगों का हानिकारक धुंआ, आदि कारण माने गए हैं। जिसके कारण वायुमंडल का संतुलन बिगड़ जाता है। यह प्रकृति घटनाओं का कारण बनता है। जिसका सीधा-सीधा प्रभाव जन जीवन पर पड़ता है।
13: यूरोप और अमेरिका की उद्योग की सभ्यता में क्या योगदान है ?
उत्तर: यूरोप और अमेरिका की उद्योग की सभ्यता में महत्वपूर्ण योगदान है क्यूंकि उद्योग की स्थापना सबसे पहले इन्हीं देशों में हुई थी। इन्होंने उद्योगों की विस्तार को बढ़ावा दिया। उन्होंने इस सभ्यता को पूरी तरह से अपना लिया था। ये दोनों देश अपनी इस सभ्यता के साथ कोई भी समझौता नहीं करना चाहते थे। अतः यूरोप और अमेरिका की उद्योग की सभ्यता में योगदान दिया है।
14: लेखक के अनुसार वातावरण के गर्म होने के प्रभावों को लिखो।
उत्तर: लेखक के अनुसार वातावरण के गर्म होने के अनेक प्रभाव है। मौसम चक्र में बदलाव होना , मालवा जैसे प्रदेश में बारिश का कम होना , ग्लेशियर का बार बार पिघलना , ठन्डे प्रदेशों में बर्फ की जगह पानी का गिरना, आदि लेखक के अनुसार वातावरण में गर्म होने के प्रभाव हैं। ये सभी कारक सामान्य जन जीवन को अधिक प्रभावित करते हैं। उनकी जीवन शैली में बदलाव लाते हैं।
15: लेखक में नवरात्रि पहली सुबह का कैसा वर्णन किया है ?
उत्तर: लेखक ने नवरात्रि की पहली सुबह का वर्णन करते हुए कहा है कि नवरात्र की सुबह थी। मालवा में घट स्थापना की तैयारी थी। गोबर से घर आँगन लीपने और रंगोली बनाने की तैयारी हो रही थी। लड़कियों और औरतों के सजने की तैयारियां चल रही थी। लेकिन ऐसा लग रहा था कि आसमान से पानी गिरकर ही रहेगा। लेखक यह मानसून के जाने का समय था और अब लग रहा था कि अबकी बार तो यह जमे रहने की धांस दे रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
16: जनजीवन पर बारिश का क्या बुरा प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर: जनजीवन पर बारिश के निम्न बुरे प्रभाव पड़ते हैं –
1) अधिक बारिश होने के कारण किसानों की फसल खराब हो जाती है।
2) अधिक बारिश होने के कारण बाढ़ आने का डर होता है।
3) बारिश के कारण सभी जगह पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों के आने जाने में परेशानी होती है।
4) कई बार लोगों के घर भी उनसे छीन जाते हैं।
इस प्रकार अनेक कारणों के द्वारा जनजीवन पर बारिश का बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण उन्हें नुकसान सहना पड़ता है।
17: लेखक ऐसा क्यों कहते हैं कि मालवा में अब पहले जैसी बारिश नहीं होती है ?
उत्तर: मालवा में अब पहले जैसी बारिश नहीं होती , लेखक ने ऐसा इसलिए कहा क्यूंकि मनुष्य ने प्रकृति में बहुत से बदलाव किये हैं जिसका सारा प्रभाव मौसम चक्र पर पड़ा है। उद्योगों की हानिकारक गैसों का वायुमंडल में मिलने के कारण भी मौसम प्रभावित होता है। ऐसी अनेक परिस्थितियां हैं जिनके कारण वायुमंडल प्रभावित होता है और मालवा में बारिश पहले जितनी नहीं होती है। यदि सामने बारिश भी होती है तो लोगों को लगता है कि पहले से ज़्यादा बारिश हुई है। इसलिए लेखक कहता है कि मालवा में पहले जैसी बारिश नहीं होती है।
18: लेखक आज के इंजीनियर को भ्रमित क्यों मानते हैं ?
उत्तर: लेखक आज के इंजीनियरों को भ्रमित मानता है क्यूंकि उन्हें लगता है कि हमें पानी संरक्षण की योजना पश्चिमी सभ्यता से प्राप्त हुई है। पानी के प्रबंध के बारे में पहले के लोग ज़्यादा नहीं जानते थे , उन्हें इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। लेकिन ऐसा नहीं था , पहले के ज़माने में राजा-महाराजा बहुत ही अच्छे से जानते थे कि पानी का संरक्षण किस प्रकार करना है। इसका ज्ञान उन्हें पश्चिमी सभ्यता के पहले ही था। लेकिन इसके बारे में आज के इंजीनियर नहीं जानते हैं इसलिए लेखक ने उसको भ्रमित कहा है।
19: लेखक आज के इंजीनियर का भ्रम कैसे दूर करते हैं ?
उत्तर: जब आज के इंजीनियर ये कहते हैं कि जल प्रबंध के बारे में जानकारी उन्हें पश्चिमी सभ्यता से हुई है। इसके पहले उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह आज के इंजीनियरों का भ्रम है। इसे दूर करते हुए लेखक पहले के ज़माने के राजाओं जैसे विक्रमादित्य , भोज , मूँज, आदि का उदहारण देते हुए बताते हैं कि इन सभी राजाओं ने जल संरक्षण की विधि को अपनाया था। उसके संरक्षण के लिए उन्होंने नदियां , झीलें , तालाबों, आदि का निर्माण करवाया था। इस प्रकार लेखक आज के इंजीनियर को भ्रम दूर करते हैं।
20: जनजीवन का बारिश का क्या अच्छा प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर : जनजीवन पर बारिश के अच्छे प्रभाव निम्नलिखित पड़ते हैं –
1) बारिश के कारण जिस फसल को अधिक पानी की जरुरत है उसकी उपजता अधिक होती है।
2) सूखे स्थानों पर बारिश वहाँ के लोगों के लिए एक नया जीवन लेकर आती है।
3) आने वाले समय में सिंचाई के लिए पानी संरक्षित होता है।
4) बाढ़ के कारण नदियों से उपजाऊ मिट्टी बहकर खेतों में आ जाती है जिसके कारण किसानों को लाभ होता है।
5) बारिश के कारण लोगों के पैसों की बचत होती है और साथ ही साथ बिजली में भी, क्यूंकि फसल में बारिश का पानी चला जाता है।
इस प्रकार बारिश का पानी जनजीवन के लिए लाभदायक साबित होता है। जिससे उनको अधिक मदद मिलती है।