CBSE Important Questions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11- Bhaktin
‘Bhaktin’ is the title of Chapter 11 of Hindi Aroh from CBSE Class 12. The name given to the chapter’s assistant by author Mahadevi Verma at her request inspired the chapter title. Bhaktin presents herself as Lakshmi, but she is not addressing her by name for some reason. Instead, she asks for his name when Mahadevi calls him Bhaktin. In this chapter, Bhaktin’s life story, now that she is an older woman, is described in four parts.
The first part includes herlife from birth to marriage at age five and her transfer to her stepparents at age nine. Meanwhile, there is the untimely death of her father,of whom she is unaware of because her stepmother did not want to create an atmosphere of mourning in her home.
The second stage includes the birth of her daughters, for which her in-laws ill-treat her. His daughters are forced to do all household chores even when they are young, while his older sisters’ boys receive royal treatment. One way or another, Bhaktin manages to get out of the house with her loving husband and start a new life.
The third part of her life is also distressed by the fact that her oldest daughter, who is married, becomes a widow. Through the plots of Bhaktin’s step parents, his daughter is married to another man who does not treat her well. After her husband’s untimely death, Bhaktin’s property was also snatched away by her in-laws. After the beginning of the fourth phase of his life, Bhaktin decided to become independent and make a living. She began working as a maid for Mahadevi Verma. It becomes an integral part of the writer’s life and sometimes helps her quit her regular job. Thus, the story is a work of inspiration for a character which can seem as common as possible.
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CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions Chapter 11 Bhaktin
Study Important Questions Class 12 Hindi Aroh Chapter 11– भक्तिन
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- निम्न शब्दों का शब्दार्थ लिखो।
संकल्प तथा जिज्ञासु
उत्तर: संकल्प – निश्चय
जिज्ञासु – उत्सुक
- भक्तिन ने कितनी बेटियों को जन्म दिया था?
उत्तर: भक्तिन ने तीन बेटियों को जन्म दिया था।
- भक्तिन ने शहर आकर भी क्या नहीं खाया था?
उत्तर: शहर में आकर भी भक्तिन ने कभी रसगुल्ले नहीं खाए थे।
- भक्तिन को पिता के घर जातें समय किस बात का पता नहीं था?
उत्तर: भक्तिन को पिता के घर जाते समय ये ज्ञात नहीं था कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है।
- भक्तिन, शास्त्रों की बातों का वर्णन किस प्रकार करती है?
उत्तर: भक्तिन शास्त्रों में लिखी बातों का वर्णन स्वयं अपने अनुसार करती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- भक्तिन की जेठानियाँ उससे घृणा और उसकी उपेक्षा क्यों करती थी?
उत्तर: भक्तिन ने एक भी पुत्र को जन्म नहीं दिया था, बल्कि उसने तीन पुत्रियों को जन्म दिया था| जिस कारण भक्तिन की जेठानियाँ उसकी उपेक्षा करती थी और उसे ताने दिया करती थी|
- पंचायत ने भक्तिन की बेटी के बारें में क्या फैसला दिया था?
उत्तर: जिस युवक ने भक्तिन की बेटी के साथ दुष्कर्म किया| पंचायत ने उस युवक से ही भक्तिन की बेटी का विवाह करने का निर्णय सूना दिया|
- भक्तिन के अनुसार क्या चोरी नहीं थी?
उत्तर: भक्तिन, लेखिका द्वारा इधर-उधर रखें गए पैसों को एकत्रित कर के भंडार घर की मटकी में छुपा देती थी| लेखिका ने भक्तिन से इस विषय में पूछा, लेकिन भक्तिन अपनी इस आदत को चोरी नहीं मानती थी|
- वो कौन सा कार्य था जो महादेवी जी नहीं कर पायीं लेकिन भक्तिन ने वो कार्य कर दिया?
उत्तर: महादेवी जी, भक्तिन की रहन-सहन की आदतों को बदलने की का प्रयास कर रहीं थी| लेकिन वो ऐसा नहीं कर पायीं| बल्कि इसके विपरीत भक्तिन के रहन-सहन के प्रभाव से महादेवी जी की कई आदतें बदल गयीं थी|
- लेखिका ने भक्तिन को टकसाल क्यों कहा?
उत्तर: बेटियां लक्ष्मी का स्वरुप होतीं हैं और भक्तिन ने तीन पुत्रियों को जन्म दिया था| इसलिए लेखिका ने भक्तिन को टकसाल कहा।
लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)
- महादेवी वर्मा ने भक्तिन के चरित्र की व्याख्या किस प्रकार की है?
उत्तर: लेखिका के अनुसार भक्तिन एक कर्मठ और निस्वार्थ महिला है| भक्तिन लेखिका के प्रति आत्मीयता और निस्वार्थ प्रेम का भाव रखती है| भक्तिन इश्वर के प्रति भी भक्ति भाव रखती है| परन्तु भक्तिन के अन्दर पैसे उठाकर छुपा देने जैसे छोटे-मोटे अवगुण भी हैं|
- भक्तिन को लेखिका ने संस्करण क्यों कहा है?
उत्तर: भक्तिन ने लगातार तीन पुत्रियों को जन्म दिया| लेखिका के अनुसार ये इस प्रकार था जैसे हर वर्ष किसी पुस्तक का नया संस्करण प्रकाशित किया जा रहा हो| इसलिए लेखिका ने भक्तिन को संस्करण कहा|
- महादेवी वर्मा के अनुसार भक्तिन के दो अवगुण क्या थे?
उत्तर: महादेवी वर्मा के अनुसार भक्तिन में दो अवगुण थे-
लेखिका महादेवी को यदि भक्तिन की किसी हरकत पर गुस्सा आता था तो भक्तिन उनसे झूठ बोल दिया करती थी|
लेखिका द्वारा कुछ बात पूछे जाने पर भक्तिन अपनी बात को सिद्ध करने के लिए व्यर्थ तर्क-वितर्क भी किया करती थी|
- महादेवी वर्मा जी के अनुसार क्या अस्पष्ट पुनरावृत्ति है तथा क्या स्पष्ट पुनरावृत्ति है?
उत्तर: भक्तिन जब अपने पिता से मिलने गाँव गयी थी तो उसके पिता की मौत हो चुकी थी| इसलिए गाँव के लोग भक्तिन को देखकर एक दुसरे से “बेचारी लक्ष्मी” कहकर काना फूसी करने लगे| गाँव के लोगो की इस फुसफुसाहट में कोई स्पष्टता नहीं थी| तो इसे लेखिका ने असपष्ट पुनरावृत्ति कहा है| बाद में गाँव वाले भक्तिन को सहानुभूति देने लगे, जो स्पष्ट रूप से हो रहा था| लेखिका ने इसे स्पष्ट पुनरावृत्ति कहा है|
- भक्तिन के कारण महादेवी जी के अन्दर क्या परिवर्तन आया था?
उत्तर: भक्तिन गाँव की रहने वाली थी जिस कारण उसकी जीवन शैली और खान-पान भी देहाती था| भक्तिन लेखिका के लिए गाढ़ी दाल, मोटी रोटी, मकई की लपसी, भुट्टे के हरे-हरे दाने की खिचड़ी एवं बाजरे के तिल वाले ठंडे पुए बनाती थी। इस तरह से धीरे-धीरे महादेवी के रहन-सहन में भी परिवर्तन आता चला गया और वह भी भक्तिन के रंग में रंगती चली गई।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)
- वो क्या कार्य था जो महादेवी जी के मना करने के बाद भी भक्तिन करती थी?
उत्तर: भक्तिन हर हफ्ते सर मुंडवाती थी| जबकि महादेवी जी को भक्तिन का सर मुंडवाना पसंद नहीं था| इसलिए महादेवी उससे ऐसा करने से रोकती थी| लेकिन भक्तिन का मानना था कि शास्त्रों में सर मुंडवाने को सही बताया गया है| इसलिए वो महादेवी की बात नहीं मानती थी| जब महादेवी उसे सर मुंडवाने से रोकती थी तो वह महदेवी को अपने अनुसार भिन्न प्रकार के तर्क देने लगती थी|
- भक्तिन के पिता से मिलने जाने की घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भक्तिन को अपने पिता के बीमार होने की बात पता थी| इसलिए भक्तिन अपने पिता से मिलने गाँव जाना चाहती थी| लेकिन जब भक्तिन अपने पिता से मिलने गाँव पहुंची तो उसके पिता की मृत्यु हो चुकी थी| भक्तिन जब गाँव पहुंची तो गाँव वाले “बेचारी लक्ष्मी आई है” ऐसा कहकर फुसफुसाने लगे| उसके पिता की मृत्यु हो जाने के कारण गाँव के लोग उससे सहानुभूति जता रहे थे| जबकि भक्तिन को अपने पिता की मृत्यु का कोई ज्ञान ही नहीं था|
- भक्तिन की बेटी के बारे में पंचायत के द्वारा फैसला दिए जाने की घटना का वर्णन कीजिये?
उत्तर: भक्तिन के तीन पुत्रियाँ थी, कोई पुत्र नहीं था| भक्तिन का जेठ उसकी संपत्ति हड़पना चाहता था| इसलिए भक्तिन के जेठ ने भक्तिन की विधवा बेटी को अपने साले के द्वारा फ़साने की कोशिश की| भक्तिन के जेठ के साले ने भक्तिन की विधवा बेटी के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया| जिस कारण भक्तिन की बेटी ने उस व्यक्ति की पिटाई कर दी| ये मामला पंचायत में पहुँचा| जहाँ पंचायत ने बिना भक्तिन की बेटी की बात सुने, उसका विवाह उसके साथ दुष्कर्म करने वाले युवक के साथ करने का निर्णय सुना दिया|
- भक्तिन को उसके जीवन में सबसे ज्यादा ताने किसने दिए?
उत्तर: भक्तिन को सबसे ज़्यादा ताने उसके परिवार के लोग ही दिया करते थे| भक्तिन ने तीन पुत्रियों को जन्म दिया था लेकिन उसके कोई पुत्र नहीं था| जबकि उसकी जेठानियों के पुत्र थे| इसलिए उसकी जेठानी पुरे दिन आराम किया करती थी और खेत और घर का सारा काम भक्तिन और उसकी बेटियों को करना पड़ता था| लेकिन इसके बाद भी भक्तिन को उसकी सास और उसकी जेठानियाँ ताने दिया करती थी|
- भक्तिन का मूल नाम क्या था? तथा महादेवी वर्मा ने उसका नाम भक्तिन क्यों रखा था?
उत्तर: भक्तिन का मूल नाम लछमिन था, जिसका अर्थ लक्ष्मी होता है| लक्ष्मी धन की देवी होती हैं| लेकिन भक्तिन का जीवन अपने नाम के एकदम विपरीत था| भक्तिन दरिद्रता में जीवन व्यतीत कर रही थी| जब भक्तिन लेखिका से मिली तो उसने सर मुंडवाया हुआ था| उसकी वेशभूषा साधारण थी और उसने गले में एक माला पहनी हुई थी| लक्ष्मी की इश्वर के प्रति भक्ति, कर्मठता, लगन और महादेवी के प्रति आत्मीयता और निस्वार्थ भाव को देखकर महादेवी ने लक्ष्मी का नाम भक्तिन रख दिया था| ये नाम लक्ष्मी के गले में रहने वाली माला और उसकी जीवन शैली और वेशभूषा के एकदम अनुरूप था|