Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Vitan Chapter 4 – Diary Ke Panne
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The poem “Camere me Band Apahij” comes from the poetry book “Log Bhool Gaye”. In this piece, the writer describes both the anguish experienced by a person coping with a physical obstacle and the nature of various forms of communication media. An individual who brings another person’s suffering to an audience’s attention should be emotionally attuned to that suffering to make others vulnerable.
CBSE Class 12 Hindi Vitan Important Questions Chapter 4 – Diary Ke Panne
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4 – डायरी के पन्ने
अति लघु उत्तरीय (1 अंक)
- ऐन फ्रेंक कौन थी?
उत्तर: ऐन फ्रेंक एक पंद्रह वर्षीय यहूदी परिवार में जन्मी बच्ची थी|
- कौन घर के क़ायदे-कानून का सही से पालन नहीं करता था?
उत्तर: मिस्टर डसेल घर के क़ायदे-कानून का सही से पालन नहीं करते थे|
- ऐन फ्रेंक के परिवार ने किस स्थान को छुपने के लिए चुना था?
उत्तर: ऐन फ्रेंक का परिवार उसके पिताजी के कार्यालय की इमारत में छुपने वाला था।
- जॉन और मिस्टर क्लीमेन को किसके बारे में बात करना अच्छा लगता है?
उत्तर: जॉन और मिस्टर क्लीमेन को भूमिगत हो गए या अज्ञातवास में छुपे लोगो के विषय में बात करना अच्छा लगता था|
- इज्मुईडेन पर ब्रिटिश सेना का हमला कितना बड़ा था?
उत्तर: इज्मुईडेन पर ब्रिटिश सेना ने 350 वायुयानों से 550 टन गोला-बारूद बरसाया था।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- ऐन फ्रेंक के पिता के ऑफिस में कौन-कौन कार्य करते थे ?
उत्तर: ऐन फ्रेंक के पिता के ऑफिस में बहुत कम लोग ही काम किया करते थे। मिस्टर क्लीमेन,मिस्टर कुगलर, मिएप और तेईस वर्षीया टाइपिस्ट बेप वोस्कुइल और ऐन फ्रैंक के पिताजी को मिलाकर पाँच लोग ही ऑफिस में कार्य किया करते थे।
- मिस्टर डसेल के पत्रों को कौन डील करता था और वो किसके साथ पत्राचार कर रहे थे?
उत्तर: मिस्टर डसेल चार्लोट और अन्य कुछ लोगों के साथ पत्राचार कर रहे थे तथा उनकी डच अध्यापिका मार्गोट उनके पत्रों को डील किया करती थी।
- सैनिक को किस बात पर गर्व है?
उत्तर: जिस सैनिक को जितने ज़्यादा घाव लगे होते हैं वो उतना ही ज़्यादा गर्व महसूस करता है| इसलिए घायल सैनिक अपने शरीर पर आये घावों को देखकर गर्व महसूस करता है|
- ऐन फ्रेंक को क्या मुंह-जबानी याद रहता था और कैसे?
उत्तर: मिस्टर कुम्लर, ऐन फ्रैंक के लिए पत्रिका ‘सिनेमा एंड थियेटर’ लाते थे जिसे वह पढ़ा करती थी। इसलिए उसे फिल्मो में काम कर रहे मुख्य नायक और नायिका और उन फिल्मो की समीक्षा मुँह-ज़बानी याद रहते थे|
- ऐन फ्रैंक के परिवार को अज्ञातवास में क्यों जाना पड़ा था?
उत्तर: ऐन फ्रेंक का परिवार यहूदी था और हिटलर यहूदी लोगों से घृणा करता था| हिटलर यहूदियों को दुनिया से मिटा देना चाहता था| इसलिए हिटलर के सैनिको से बचने के लिए ऐन फ्रेंक के परिवार को अज्ञातवास में जाना पड़ा था|
लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)
- इल्या इहरनबुर्ग ने ऐन के लिए क्या टिप्पणी की थी?
उत्तर: इल्या इहरनबुर्ग ने ऐन के लिए टिप्पणी की थी कि “यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज़ है। ये आवाज़ किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण सी लड़की की है|”
- ऐन फ्रैंक की डायरी के कौन-से कथन से उसके अन्दर के दुःख का पता चलता है?
उत्तर: ऐन फ्रैंक की डायरी के इस कथन से उसके अन्दर के दुःख का एहसास होता है “काश कोई तो ऐसा होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला….।”
- ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में स्त्रियों के लिए क्या लिखा गया था?
उत्तर: ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में स्त्रियों के लिए लिखा गया था “प्रकृति प्रदत्त प्रजनन शक्ति के उपयोग का अधिकार, बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें, ये निर्णय लेने की स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व-व्यवस्था ने ना सिर्फ़ स्त्री से व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों को छीन लिया है, बल्कि तेज़ी से बढ़ती हुई जनसँख्या की समस्या भी पैदा कर दी है|”
- ऐन की डायरी में किसका वर्णन है तथा इसे ऐतेहासिक दस्तावेज क्यों कहा जाना चाहिए?
उत्तर: ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी में यहूदी परिवारों पर हुए अकल्पनीय यातनाओं का वर्णन किया, जो कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान घटित हुआ था| लेकिन साथ ही ये एक जीवंत दस्तावेज़ भी है जिसमें ऐन के निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल के बारे में बताया गया है| दूसरे विश्वयुद्ध के समय यहूदी परिवारों को दी गयीं अकल्पनीय यातनाओं, उनकी पीड़ाओं के वर्णन के कारण ही यह डायरी एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ बन जाती है।
- ऐन को खाने की टेबल पर कौन-सी कहानियाँ सुननी पड़ती थी?
उत्तर: खाने की टेबल पर एन को अक्सर अच्छे भोजन और राजनीती से जुडी कहानियां सुननी पड़ती थीं| ऐन लिखती है “अगर खाने के समय राजनीति या अच्छे खाने के बारे में बात नहीं हो रही होती है तो मम्मी या मिसेज वान दान अप बचपन की उन कहानियों को लेकर बैठ जाती हैं जो हम हजार बार सुन चुके हैं, नहीं तो फिर डसेल शुरू हो जाते थे। डसेल से हमें खूबसूरत रेस के घोड़े, उनकी चार्लोट का महँगा वार्डरोब, लीक करती नावें, चार बरस की उम्र में तैर सकने वाले बच्चे, दर्द करती माँसपेशियों और डरे हुए मरीज आदि के किस्से सुनने पड़ते थे|”
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)
- हिटलर किसे दुनिया से मिटा देना चाहता था और इसके लिए उसने कितनी हत्याएं की थी?
उत्तर: हिटलर यहूदियों से बहुत घृणा करता था और उन्हें इस दुनिया से मिटा देना चाहता था| हिटलर यहूदियों पर तरह-तरह के अपमान जनक कानून थोपता रहता था| हिटलर के डर से यहूदी छिपने के लिए सुरक्षित और गुप्त ठिकानों की तलाश में भटकते रहते थे| यहूदी हिटलर के डर से अज्ञातवास में अँधेरे कमरों में छिपकर रहते थे| फिर भी हिटलर की ख़ुफ़िया पुलिस यहूदियों को तलाशती रहती थी और जब कोई यहूदी उनके हाथ लग जाता था तो वे उन यहूदियों को क्रूर यातनाएं देते थे| उस समय के दस्तावेजों से पता चलता है कि हिटलर ने लगभग 60 लाख यहूदियों का जनसंहार किया था| जो कि इतिहास का सबसे बड़ा जनसंहार माना जाता है| इस कारण से ही उस समय यहूदी दर-दर भटकते रहने को मजबूर थे|
- यहूदियों को किस तरह की यातनाएं दी गयीं?
उत्तर: यहूदियों के प्रति हिटलर का व्यवहार बेहद अमानवीय था| यहूदियों के साथ भेदभाव होता था और उनपर अपमानजनक कानून जबरदस्ती थोपे जा रहे थे| हिटलर के डर से यहूदी अपनी संपत्ति और व्यापार छोड़कर जगह-जगह भटक रहे थे| यहूदी छिपकर अज्ञातवास में समय काटने को मजबूर थे| हिटलर की ख़ुफ़िया पुलिस “गेस्टापो” यहूदियों को उनके छुपने के ठिकानों से भी तलाश लेती थी और उनपर अत्याचार करती थी| यहूदी हर समय पकडे जाने, गोलीबारी और उनपर होने वाले अन्य अत्याचार के भय से आतंकित रहते थे| यहूदी अज्ञातवास में भुखमरी, ग़रीबी, बीमारी, मानसिक तनाव, जानवरों-सा जीवन, चोरी के भय के माहौल में जीवन काटने को मजबूर थे|
- “ऐन की डायरी में व्यक्तिगत और ऐतिहासिक पृष्ठ का फ़र्क मिट गया है” इस कथन की व्याख्या कीजिये।
उत्तर: “ऐन की डायरी में व्यक्तिगत और ऐतिहासिक पृष्ठ का फ़र्क मिट गया है” इस कथन का आशय है कि ऐन की डायरी में हमें द्वितीय विश्व युद्ध की विभीषिका, हिटलर के द्वारा यहूदियों पर किये गए अत्याचार और एन के अपने परिवार, विशेषतः माँ और सहयोगियों से मतभेद,एकांत का दुःख, दूसरों द्वारा स्वयं पर किये गए आक्षेप, डांट-फटकार, खीझ, निराशा, पीटर के साथ सम्बन्ध, प्रकृति के लिए बेचैनी आदि कई पक्षों का वर्णन एक साथ मिलता है। उन घटनाओं और हालात का एन ही नहीं उस परिस्थिति में फंसे हर व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन पर गहरा असर पड़ा था। एक लड़की जिसका परिवार और समाज और वो खुद युद्ध के हालात से भी पीड़ित है, सरकार की घृणा का शिकार भी हैं और अज्ञातवास के मुश्किल जीवन की पीड़ा भी सह रहीं हैं| ये सम्पूर्ण वेदना इन पन्नो पर एकसाथ देखने को मिलती हैं| इस तरह इस डायरी के पृष्ठ एन और जर्मनी के बाकी यहूदियों की व्यक्तिगत असीम वेदना को प्रमाणित करने वाले एतिहासिक दस्तावेज़ बन जाते हैं|
- ऐन ने एक निर्जीव गुड़िया को अपना काल्पनिक दोस्त क्यों बना लिया था? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: एन ने अज्ञातवास के दौरान एक निर्जीव गुडिया को अपना दोस्त बना लिया था| उस समय एन की उम्र 8 या 10 साल थी| निर्वासन के दौरान कोई अन्य बच्चा उसके साथ में नहीं था| कोई भी ऐसा नहीं था जो उसकी भावनाओं को समझ सके| वो बड़ो के बीच में रहते हुए और उनकी बातें सुनते हुए ऊब चुकी थी| एन को अपने साथ खेलने वाले और उसके बाल सुलभ विचारों को समझने वाले दोस्त की ज़रूरत थी| इसलिए उसने एक निर्जीव गुडिया को अपना दोस्त बना लिया था| वो उसके साथ अपनी भावानाएँ साझा करती थी| और फिर अपने इन अनुभवों को अपनी डायरी में भी लिखा करती थी|
- ऐन ने डायरी में अपने छुपने के स्थान का वर्णन किस प्रकार किया है?
उत्तर: ऐन ने अपने छुपने के स्थान का वर्णन कुछ इस प्रकार किया है -“निचली मंजिल पर बड़ा सा गोदाम बना है जो काम करने की जगह और भंडार घर के रूप में इस्तेमाल होता है। इसमें अलग-अलग हिस्से बने हुए हैं। ये हिस्से गोदाम, पिसाई का कमरा इत्यादि हैं, जहाँ इलायची, लौंग और काली मिर्च आदि पीसे जाते हैं। गोदाम के दरवाजे से ही सटा हुआ एक बाहर का दरवाजा है जो ऑफिस का प्रवेश द्वार है। ऑफिस के दरवाजे के एकदम अंदर की तरफ एक दूसरा दरवाजा है, जिसके पीछे सीढ़ियाँ हैं। सीढ़ियों से ऊपर जाने पर एक और दरवाजा आता है, जिस पर एसी काँच की खिड़की लगी है जिससे आर-पार का दिखाई ना दे। इस पर काले अक्षरों में कार्यालय लिखा हुआ है और यहीं पर आगे वाला बड़ा सा फ्रंट ऑफिस है।”