कक्षा – 10
Home » कक्षा – 10
-
CBSE Important Questions›
-
CBSE Previous Year Question Papers›
- CBSE Previous Year Question Papers
- CBSE Previous Year Question Papers Class 12
- CBSE Previous Year Question Papers Class 10
-
CBSE Revision Notes›
-
CBSE Syllabus›
-
CBSE Extra Questions›
-
CBSE Sample Papers›
- CBSE Sample Papers
- CBSE Sample Question Papers For Class 5
- CBSE Sample Question Papers For Class 4
- CBSE Sample Question Papers For Class 3
- CBSE Sample Question Papers For Class 2
- CBSE Sample Question Papers For Class 1
- CBSE Sample Question Papers For Class 12
- CBSE Sample Question Papers For Class 11
- CBSE Sample Question Papers For Class 10
- CBSE Sample Question Papers For Class 9
- CBSE Sample Question Papers For Class 8
- CBSE Sample Question Papers For Class 7
- CBSE Sample Question Papers For Class 6
-
ISC & ICSE Syllabus›
-
ICSE Question Paper›
- ICSE Question Paper
- ISC Class 12 Question Paper
- ICSE Class 10 Question Paper
-
ICSE Sample Question Papers›
- ICSE Sample Question Papers
- ISC Sample Question Papers For Class 12
- ISC Sample Question Papers For Class 11
- ICSE Sample Question Papers For Class 10
- ICSE Sample Question Papers For Class 9
- ICSE Sample Question Papers For Class 8
- ICSE Sample Question Papers For Class 7
- ICSE Sample Question Papers For Class 6
-
ICSE Revision Notes›
- ICSE Revision Notes
- ICSE Class 9 Revision Notes
- ICSE Class 10 Revision Notes
-
ICSE Important Questions›
-
Maharashtra board›
-
Rajasthan-Board›
- Rajasthan-Board
-
Andhrapradesh Board›
- Andhrapradesh Board
- AP Board Sample Question Paper
- AP Board syllabus
- AP Board Previous Year Question Paper
-
Telangana Board›
-
Tamilnadu Board›
-
NCERT Solutions Class 12›
- NCERT Solutions Class 12
- NCERT Solutions Class 12 Economics
- NCERT Solutions Class 12 English
- NCERT Solutions Class 12 Hindi
- NCERT Solutions Class 12 Maths
- NCERT Solutions Class 12 Physics
- NCERT Solutions Class 12 Accountancy
- NCERT Solutions Class 12 Biology
- NCERT Solutions Class 12 Chemistry
- NCERT Solutions Class 12 Commerce
-
NCERT Solutions Class 10›
-
NCERT Solutions Class 11›
- NCERT Solutions Class 11
- NCERT Solutions Class 11 Statistics
- NCERT Solutions Class 11 Accountancy
- NCERT Solutions Class 11 Biology
- NCERT Solutions Class 11 Chemistry
- NCERT Solutions Class 11 Commerce
- NCERT Solutions Class 11 English
- NCERT Solutions Class 11 Hindi
- NCERT Solutions Class 11 Maths
- NCERT Solutions Class 11 Physics
-
NCERT Solutions Class 9›
-
NCERT Solutions Class 8›
-
NCERT Solutions Class 7›
-
NCERT Solutions Class 6›
-
NCERT Solutions Class 5›
- NCERT Solutions Class 5
- NCERT Solutions Class 5 EVS
- NCERT Solutions Class 5 English
- NCERT Solutions Class 5 Maths
-
NCERT Solutions Class 4›
-
NCERT Solutions Class 3›
-
NCERT Solutions Class 2›
- NCERT Solutions Class 2
- NCERT Solutions Class 2 Hindi
- NCERT Solutions Class 2 Maths
- NCERT Solutions Class 2 English
-
NCERT Solutions Class 1›
- NCERT Solutions Class 1
- NCERT Solutions Class 1 English
- NCERT Solutions Class 1 Hindi
- NCERT Solutions Class 1 Maths
-
JEE Main Question Papers›
-
JEE Main Syllabus›
- JEE Main Syllabus
- JEE Main Chemistry Syllabus
- JEE Main Maths Syllabus
- JEE Main Physics Syllabus
-
JEE Main Questions›
- JEE Main Questions
- JEE Main Maths Questions
- JEE Main Physics Questions
- JEE Main Chemistry Questions
-
JEE Main Mock Test›
- JEE Main Mock Test
-
JEE Main Revision Notes›
- JEE Main Revision Notes
-
JEE Main Sample Papers›
- JEE Main Sample Papers
-
JEE Advanced Question Papers›
-
JEE Advanced Syllabus›
- JEE Advanced Syllabus
-
JEE Advanced Mock Test›
- JEE Advanced Mock Test
-
JEE Advanced Questions›
- JEE Advanced Questions
- JEE Advanced Chemistry Questions
- JEE Advanced Maths Questions
- JEE Advanced Physics Questions
-
JEE Advanced Sample Papers›
- JEE Advanced Sample Papers
-
NEET Eligibility Criteria›
- NEET Eligibility Criteria
-
NEET Question Papers›
-
NEET Sample Papers›
- NEET Sample Papers
-
NEET Syllabus›
-
NEET Mock Test›
- NEET Mock Test
-
NCERT Books Class 9›
- NCERT Books Class 9
-
NCERT Books Class 8›
- NCERT Books Class 8
-
NCERT Books Class 7›
- NCERT Books Class 7
-
NCERT Books Class 6›
- NCERT Books Class 6
-
NCERT Books Class 5›
- NCERT Books Class 5
-
NCERT Books Class 4›
- NCERT Books Class 4
-
NCERT Books Class 3›
- NCERT Books Class 3
-
NCERT Books Class 2›
- NCERT Books Class 2
-
NCERT Books Class 1›
- NCERT Books Class 1
-
NCERT Books Class 12›
- NCERT Books Class 12
-
NCERT Books Class 11›
- NCERT Books Class 11
-
NCERT Books Class 10›
- NCERT Books Class 10
-
Chemistry Full Forms›
- Chemistry Full Forms
-
Biology Full Forms›
- Biology Full Forms
-
Physics Full Forms›
- Physics Full Forms
-
Educational Full Form›
- Educational Full Form
-
Examination Full Forms›
- Examination Full Forms
-
Algebra Formulas›
- Algebra Formulas
-
Chemistry Formulas›
- Chemistry Formulas
-
Geometry Formulas›
- Geometry Formulas
-
Math Formulas›
- Math Formulas
-
Physics Formulas›
- Physics Formulas
-
Trigonometry Formulas›
- Trigonometry Formulas
-
CUET Admit Card›
- CUET Admit Card
-
CUET Application Form›
- CUET Application Form
-
CUET Counselling›
- CUET Counselling
-
CUET Cutoff›
- CUET Cutoff
-
CUET Previous Year Question Papers›
- CUET Previous Year Question Papers
-
CUET Results›
- CUET Results
-
CUET Sample Papers›
- CUET Sample Papers
-
CUET Syllabus›
- CUET Syllabus
-
CUET Eligibility Criteria›
- CUET Eligibility Criteria
-
CUET Exam Centers›
- CUET Exam Centers
-
CUET Exam Dates›
- CUET Exam Dates
-
CUET Exam Pattern›
- CUET Exam Pattern
प्र01 मनुष्य में वृक्क एक तंत्र का भाग है जो संबंधित है
(a) पोषण (b) श्वसन
(c) उत्सर्जन (d) परिवहन
उ0 (c) उत्सर्जन
प्र02 पादप में जाइलम उत्तरदायी है –
(a) जल का वहन (b) भोजन का वहन
(c) अमीनो अम्ल का वहन (d) ऑक्सीजन का वहन
उ0 (a) जल का वहन
प्र03 स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक है –
(a) कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल (b) क्लोरोफिल
(c) सूर्य का प्रकाश (d) उपरोक्त सभी
उ0 (d) उपरोक्त सभी
प्र04 पायरुवेट के विखंडन से यह कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा देता है और यह क्रिया होती है –
(a) कोशिकाद्रव्य (b) माइटोकाँन्ड्रिया
(c) हरित लवक (d) केंद्रक
उ0 (b) माइटोकाँन्ड्रिया
प्र05 हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है? यह प्रक्रम कहाँ होता है?
उ0 आंशिक रूप से पचा भोजन जब आमाशय से क्षुद्रांत्र में प्रवेश करता है वह अम्लीय होता है| क्षुद्रांत्र कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा के पूर्ण पाचन का स्थल है। यकृत द्वारा क्षुद्रांत्र में पित्तरस स्रावित होता है| पित्तरस में उपस्थित पित्त लवण आंशिक रूप से पचे भोजन की अम्लता को निष्प्रभावित करता है | पित्त लवण वसा का इमल्सीकरण करके उसे गोलिकाओं में खंडित कर देता है जिससे अग्न्याशयिक एंजाइम की क्रियाशीलता बढ़ जाती है। अग्न्याशयिक रस में उपस्थित अग्न्याशयिक एंजाइम जैसे कि लाइपेज एंजाइम वसा को वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में परिवर्तित कर देता है ।
यह पूरी क्रिया क्षुद्रांत्र में होती है |
प्र06 भोजन के पाचन में लार की क्या भूमिका है?
उ0 लार में 99.5 प्रतिशत जल, श्लेष्म, टायलिन तथा लाइसोजाइम होता है।
- जल भोजन को गीला करता है। श्लेष्म से भोजन चिकना हो जाता है। इससे भोजन को चबाने और निगलने में सुविधा होती है।
- टायलिन एंजाइम स्टार्च को माल्टोज शर्करा में बदलता है।
- लाइसोजाइम जीवाणु आदि सूक्ष्म जीवों को नष्ट करता है।
- लार के कारण भोजन के स्वाद को पहचानने में भी सहायता मिलती है।
प्र07 स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन सी हैं और उसके उपोत्पाद क्या हैं?
उ0 स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ निम्नलिखित हैं –
- कार्बन डाईऑक्साइड 2. जल
- क्लोरोफिल तथा 4. सूर्य का प्रकाश
हरे पौधों में क्लोरोफिल के कारण स्वपोषण होता है। हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाईऑक्साइड (CO2 ) तथा जल से कार्बनिक भोज्य पदार्थ का संश्लेषण करते हैं।
प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम में ग्लूकोज का संश्लेषण होता है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन उपोत्पाद के रूप में प्राप्त होती है।
प्र08 वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर हैं? कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय श्वसन होता है।
उ0
वायवीय श्वसन | अवायवीय श्वसन |
1. वायवीय श्वसन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है।
2. वायवीय श्वसन में भोजन का पूर्ण विखंडन होता है। 3. वायवीय श्वसन में अंतिम उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड और जल होते हैं। 4. वायवीय श्वसन में काफी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। |
1. अवायवीय श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है।
2. अवायवीय श्वसन में भोजन का आंशिक विखंडन होता है। 3. श्वसन में अंतिम उत्पाद एथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड (जैसा कि यीस्ट में) अथवा लैक्टिक अम्ल (जैसा कि प्राणी पेशियों में) हो सकते हैं। 4. अवायवीय श्वसन में काफी कम ऊर्जा उत्पन्न होती है। |
बैक्टीरिया और यीस्ट में अवायवीय श्वसन होता है।
प्र09 गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कूपिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं?
उ0 श्वासनाल (ट्रैकिया) वक्ष गुहा में पहुँचकर शाखाओं तथा उपशाखाओं में बंट जाता है। अंतिम शाखाओं को कूपिका नलिकाएँ कहते हैं। प्रत्येक कूपिका नलिका 2-3 छोटे-छोटे आशय या कोष्ठक सदृश्य रचना बनाती है, इन्हें कूपिकाएँ कहते हैं। कूपिकाएँ पतली भित्ति वली शल्की कोशिकाओं से बनी होती है। इनके बाहर संयोजी ऊतक का पतला स्तर होता है। संयोजी ऊतक में रक्त केशिकाओं का घना जाल बिछा रहता है। श्वसन सतह पर सक्रियन तरल का पतला स्तर होता है। यह केशिकाओं को नम रखता है। कूपिकाओं की रक्त केशिकाएँ एक ओर फुफ्फुसीय धमनियों से तथा दूसरी ओर फुफ्फुसीय शिराओं की शाखाओं से संबंधित होती हैं। कूपिकाओं तक वायु को लाने ले जाने के लिए उपयुक्त व्यवस्था होती है।
उपर्युक्त कारणों से कूपिकाएँ गैसों के आदान-प्रदान के लिए अधिकतम उपयोगी होती हैं।
प्र10 हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?
उ0 साँस लेने और श्वसन (ऊर्जा की निर्मुक्ति) के लिए आवश्यक ऑक्सीजन हमारे रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन द्वारा ले जायी जाती है। किसी व्यक्ति के रक्त में हीमोग्लोबिन का अभाव रक्त की ऑक्सीजन-वाही क्षमता को कम करता है। जिसके फलस्वरूप सांस लेने की समस्याएँ, थकान और ऊर्जा की कमी उत्पन्न हो जाती है। व्यक्ति पीला दिखाई देता है और भार खो देता है।
प्र11 मनुष्य में दोहरा परिसंचरण की व्याख्या कीजिए। यह क्यों आवश्यक है?
उ0 मनुष्य में दोहरा रक्त परिसंचरण होता है। इसमें रूधिर के एक बार अंगों से लौट आने पर रूधिर को वापस अंगों में जाने से पहले हृदय में से दो बार गुजरना होता है। हृदय में ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रूधिरको पूर्णरूपेण पृथक रखने की व्यवस्था होती है। पक्षी और स्तनियों के हृदय के दाएँ-बाएँ भाग बिल्कुल पृथक रूधिर मार्गों का काम करते हैं। दायाँ भाग पूरे शरीर से विऑक्सीजनित रूधिर एकत्र करके फेफड़ों में शुद्ध होने के लिए भेजता है। तथा बायाँ भाग फेफड़ों से ऑक्सीजनित रूधिर एकत्र करके पूरे शरीर में पंप करता है, अर्थात् हृदय का दायाँ भाग फुफ्फुसीय हृदय के रूप में तथा बायाँ भाग दैहिक हृदय के रूप में कार्य करता है। इसे ही दोहरा रक्त परिसंरचरण कहते हैं।
मनुष्य में भी दोहरा रक्त परिसंचरण होता है। इसके फलस्वरूप शरीर की कोशिकाओं को अधिक ऑक्सीजन अर्थात् ऊर्जा उपलब्ध होती रहती है। मनुष्य को अपने शरीर के ताप को नियंत्रित रखने के लिए अधिक ऊर्जा की आश्यकता होती है। इसकी पूर्ति दोहरे रक्त परिसंचरण से होती रहती है।
प्र12 जाइलम तथा फ्लोएम में पदार्थों के वहन में क्या अंतर है?
उ0
जाइलम | फ्लोएम |
1. जाइलम जड़ से पत्तियों तथा अन्य भागों में जल तथा घुले लवण परिवहित करता है।
2. जाइलम में पदार्थों का परिवहन वाहिकाओं तथा वाहिनियों द्वारा होता है, जो मृत ऊतक है। 3. वाष्पोत्सर्जन के कारण ऊपर की ओर जल तथा घुले लवणों का चढ़ना संभव हो पाता है। यह पत्ती की कोशिकाओं से जल अणुओं के वाष्पीकरण से उत्पन्न खिंचवा के कारण होता है। 4. जल का परिवहन सरल भौतिक गति के अंतर्गत होता है। ऊर्जा खर्च नहीं होती। अतः ATP की आवश्यकता नहीं है। |
1. फ्लोएम, भोजन पदार्थों को घुली अवस्था में पत्तियों से पादप के दूसरे भाग तक परिवहित करता है।
2. फ्लोएम में पदार्थों का परिवहन चालनी ट्यूबों द्वारा सहचर कोशिकाओं की मदद से होता है, जो जैव कोशिकाएँ हैं। 3. स्थानांतरण में पदार्थ फ्लोएम ऊतक में ATP ऊर्जा का उपयोग करते हुए होता है। यह परासरण दाब बढ़ा देता है जो फ्लोएम से पदार्थों को ऊतकों की ओर भेजता है, जिनमें दाब कम होता है। 4. फ्लोएम में स्थानांतरण एक सक्रिय क्रिया है तथा इसमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा ATP से प्राप्त होती है। |
प्र13 फुफ्फुस में कूपिकाओं की तथा वृक्क में वृक्काणु (नेफ्रान) की रचना तथा क्रियाविधि की तुलना कीजिए।
उ0
फुफ्फुस में कूपिकाएँ | वृक्क में वृक्काणु |
1. वायु कूपिकाएँ फेफड़ों की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाइयाँ हैं।
2. प्रत्येक फेफड़े में लगभग 15 करोड़ वायु कूपिकाएँ होती हैं। 3. ये छोटी थैलीनुमा रचनाएँ होती हैं। कूपिका नलिकाएँ 2-वायु कूपिकाओं के समूह में खुलती हैं। 4. वायु कूपिकाओं में रक्त से CO2 को पृथक किया जाता है। CO2 युक्त वायु को निःश्वसन द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। 5. वायु कूपिकाओं में वायु विसरण द्वारा रक्त कोशिकाओं में पहुँचती है और लाल रूधिराणुओं द्वारा ऑक्सीहीमोग्लोबिन के रूप में शरीर की विभिन्न कोशिकाओं तक पहुँचाई जाती है। |
1. वृक्काणु वृक्क की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाइयाँ हैं।
2. प्रत्येक वृक्क में लगभग 10 लाख वृक्काणु होते हैं। 3. ये अत्यधिक कुंडलित संरचनाएँ होती हैं। प्रत्येक वृक्काणु के दो भाग होते हैं – मैलपीघी कोष तथा स्त्रावी नलिका। 4. वृक्काणु रक्त से यूरिया, यूरोक्रोम एवं आवश्यकता से अधिक लवण, जल आदि को मूत्र के रूप में पृथक करते हैं। 5. बोमेन संपुट में रक्त के छनने से जो नेफ्रिक फिल्ट्रेट बनता है, उसमें से ग्लूकोज, अमीनो अम्ल, लवण आदि का पुनः अवशोषण स्त्रावी नलिका में हो जाता है। |