Important Questions Class 12 Hindi Antra Chapter 1 Poem

Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 1 – Devsena Ka Geet, Karneliya Ka Geet

Devsena Ka Geet and Karneliya ka Geet are two beautiful songs penned by Jai Shankar Prasad. Devsena Ka Geet is an excerpt from the drama ‘Skandagupta’ which depicts the unfulfilled love of princess Devsena for a man named Skandagupta. The second poem, Karneliya Ka Geet, is an excerpt from the drama ‘ChandraGupta’. Through this song, a young girl named Karneliya narrates the glory of our country. 

Both of these poems are pieces from the classic works of well-known poet Shankar Prasad. The Class 12 Hindi Antra book contains many classics from renowned writers that will help students develop a love for the language. 

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Every student’s future greatly depends on the outcome of the Class 12 exam, which is a significant board exam. Hence, it is very important for them to have access to the right resources. The important questions provided here are very helpful, as they are the ones that are frequently asked on the board examinations. Students can quickly download the important questions as a PDF file and go through them online as well as offline. 

Study Important Questions for Class 12 Hindi Antra पाठ १: देवसेना का गीत/कार्नेलिया का गीत

लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)  

1.रुप सिंह के गाँव का नाम क्या था? 

उत्तर: रूप सिंह के गाँव का नाम माही था।

  1. शेखर कपूर कौन था? 

उत्तर: शेखर कपूर, रुप सिंह के गॉड फादर कपूर साहब का बेटा था। 

  1. घाटी में बहने वाली नदी का क्या नाम था? 

उत्तर: घाटी में बहने वाली नदी का नाम सुपिन नदी था।

  1. महिप कौन था? 

उत्तर: महिप, रूप सिंह के बड़े भाई भूप सिंह का बेटा था।

  1. रुप सिंह “पहाड़ के रोएं” किसे कहता था? 

उत्तर: रुप सिंह पहाड़ों पर उगे देवदार के पेड़ों को “पहाड़ के रोएं” कहता था। 

लघु उत्तरीय (2 अंक)

  1. चाय वाले से रूप सिंह ने क्या पूछा? 

उत्तर: देव कुंड में उतरने के बाद रूप सिंह पास मे ही एक चाय की दुकान पर गया| उसने चाय का गिलास उठाया और चाय वाले से पूछा ‘भाई साहब! यहाँ कोई घोड़ा-वोड़ा नही मिलता क्या?’

  1. शेखर ने भेड़ हाँकती हुई लड़की को देखकर रूप से क्या सवाल किया? 

उत्तर: शेखर ने भेड़ हाँकती हुई 14-15 साल की सलोनी लड़की को देखा, फिर रूप से पूछा “क्या तुमने कभी प्रेम की चढ़ाईयां चढ़ी हैं।”

  1. शेखर को रूप ने स्वर्ग के रास्ते के बारे में क्या बताया? 

उत्तर: शेखर ने जब रूप से कहा कि तेरा इलाका बहुत ही सुंदर हैं, एकदम स्वर्ग जैसा| तो उसकी बात को काटकर रूप बोला “वो पांडव स्वर्ग इसी रास्ते से गये थे, यहाँ का सबसे आखरी गाँव सुरगी है, सुरगी मतलब स्वर्ग। उसके कुछ आगे ही स्वर्गरोहिणी है।“

  1. घोड़े पर सवार रूप के मन में महीप के बारे में क्या विचार आ रहे थे? 

उत्तर: घोड़े पर सवार रूप, महीप के रोजगार के बारे में सोच रहा था कि इतनी कच्ची उम्र मे वह इतने खतरनाक रास्ते पर ये घोड़े वाला धंदा कर रहा है। हम जवान होकर भी घोड़े पर जा रहे हैं और ये पैदल, फिर इसे पंद्रह किलोमीटर चलना हैं और अभी वापस लोटना भी हैं| पेट के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ता?

  1. महीप से रूप सिंह ने क्या कहा? 

उत्तर: रूप सिंह ने महीप से कहा कि तू कौन से गाँव का हैं?, इन घोड़े के संग कब से है?, फिर कहा “आ थोड़ी देर अब तू इस पर बैठजा हम पैदल चलते हैं।“

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

  1. “ये जा सकेगा भला?” जब शेखर ने ये संदेह जताया तो चाय वाले ने क्या जवाब दिया? 

उत्तर: सीढ़ियों पर बैठे लड़के की मासूमियत और उसकी कम उम्र को देख कर शेखर को संदेह हुआ| तो उसने चाय वाले से पूछा “क्या ये जा सकेगा?” तभी चाय वाले ने जवाब दिया “जाएगा साहब’ ऐसे कैसे नहीं जाएगा? यहाँ सवारियाँ मिलती ही कहा हैं? आप लोग भी चले गए तो बैठ कर मक्खी ही मरेगा। घर से झगड़ा करके यहाँ पैसे ही तो कमाने आया है|”

  1. इस गीत का अर्थ रुप सिंह ने क्या बताया है?
        “ऊँची-नीचे डाडियो मा,
        हे कुहेडी न लाग तूँ
        ऊँची-नीचे पाँखो मा
        हे घसैडी न जाए तूँ
        ऊँची-नीचे डाडियो मा,
        हे हिलांस ना बास तूँ”

उत्तर: रूप सिंह ने इस गीत का यह मतलब बताया हैं कि कोई घास गढ़नेवाली पहाड़ी लड़की कोहरे से कहती है कि ऐ कोहरे, तुम ऊँची-नीची पहाड़ियों मे जाकर ना लगो। इस पर कोहरा घास वाली लड़की से कहता हैं कि ऐ इन ऊँची-नीची पहाड़ियों पर तु ना जाया कर। कोहरा हिलाश नामक पक्षी को भी आगाह करता हैं कि वह ऊँची-नीची पहाड़ियों मे अपना बसेरा ना बनाया करे।

  1. शेखर को रूप ने अपने और शैला के विषय में क्या बताया? 

उत्तर: जब शेखर, रूप से प्रेम के बारे मे पूछा तो रूप ने शेखर को शैला के बारे में बताया| रूप ने  बताया कि शैला इतनी सुंदर थी कि मैं उसकी सुन्दरता का गुलाम था| जब वह स्वेटर बुनती थी तो मै उसकी भेड़ें चराया करता था। उसके लिऐ सुन्दर फूल तोड़ कर लाता था, जो उसे बहुत पसंद थे। कहीं पर सेब या आडु मिल जाते तो उसको ही सबसे पहले लाकर देता था। रूप ने कहा कि वह शैला की गुलामी को अपना सौभाग्य मानता था| 

  1. निम्नलिखित वाक्यों मे सही और गलत वाक्य को चुने। 

(क) भूप सिंह ऊँचे पहाड़ पर रहता था

उत्तर: सही

(ख) महीप, रूप सिंह का भतीजा था। 

उत्तर: सही 

(ग) रूप सिंह के गांवका नाम सुरगी थाI

उत्तर: गलत

(घ) सुपिन एक गांव का नाम था। 

उत्तर: गलत

(ड) राम सिंह, रूप सिंह के पिता थ

उत्तर: सही

(च) भूप सिंह के पिता का नाम तिरलोक था

उत्तर: गलत

  1. निम्नलिखित कथन किसने किससे कहे हैं?

(क) ऐ लड़के तु हमे कहा लेके जा रहा हैं

उत्तर: रूप सिंह ने महीप से कहा।

(ख) कुछ भी हो, तुम्हारा इलाका हैं बड़ा खुबसूरत – स्वर्ग जैसा। 

उत्तर: शेखर ने रूप सिंह से कहा।

(ग) यहाँ इसी जगह मैंने धकेला था भूप दादा को 

उत्तर: रूप सिंह ने शेखर से कहा।

(घ) इतता सारा इंतजाम होवे, तब तू चढ पावे म्याल पर 

उत्तर: बुढे तिरलोक ने रूप सिंह से कहा।

(ड) वो महीप घोड़े वाला तेरी इन्ही भाभी श्री का लड़का हैं

उत्तर: शेखर ने रूप सिंह से कहा।

(च) लेकिन रूप तो बहुत पहली भागी गई छाई

उत्तर: बुढे तिरलोक ने रूप सिंह से कहा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)   

  1. “ये तो अपने गाँव की तौहीन कराना हुआ न।“ रूप सिंह के मन में ऐसा विचार क्यों आया?

उत्तर: जब रूपसिंह और शेखर देवकुंड में आकर उतरे, तो रूपसिंह ने देखा कि उसके गाँव को जाने वाला रास्ते पर आज भी पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है| वो रास्ता आज भी कच्ची पगडंडी है| ये देखकर रूपसिंह ने सोचा कि वह तो पगडंडी पर चलकर भी गाँव चला जायेगा| लेकिन अगर कोई मेहमान साथ में हो तो उसे कैसे ले जायेगा| मेहमान भी कोई सामान्य नहीं बल्कि उसके गॉडफादर का आई.ए.एस. ट्रेनी बेटा शेखर था| शेखर को अगर पगडंडी पर पैदल ही गाँव तक ले गया तो शेखर मन में क्या सोचेगा? शेखर को अच्छा नहीं लगेगा| रूप सिंह को इसमें अपनी और अपने गाँव की तौहीन महसूस हो रही थी|  

  1. रूप रास्ते में चलते- चलते अचानक रुक क्यों गया? उसने उस जगह से जुडी कौन सी याद का क़िस्सा शेखर को सुनाया? 

उत्तर: गाँव को जाते समय एक जगह पर रूपसिंह अचानक रुक गया| रूप ने शेखर से कहा “यहीं, इसी जगह धकेला था मैंने भूप दादा को।” शेखर ने चौंकते हुए पूछा “धकेला था…..क्यों?” तब रूप सिंह ने शेखर को बताया कि जब वह गाँव से भाग कर रूपकुंड जा रहा था तो भूप दादा उसको तलाश रहे थे| तब यहाँ पर ही भूप दादा ने उसको पकड़ा था| वो गाँव वापस नहीं जाना चाहता था| तो उसे कुछ नहीं सुझा और उसने भूप दादा को धक्का दे दिया| वो संभल नहीं पाए और गिर गए| मैं भी उनके साथ गिर गया क्योंकि उन्होंने मेरी कलाई को कसकर पकड़ा हुआ था| 

  1. रूप सिंह गाँव लौटते समय परेशान क्यों था?

उत्तर: रूप सिंह इतने साल बाद वापस अपने गाँव लौटा था तो उसके अन्दर गाँव लौटने की ख़ुशी और उत्साह था| गाँव के रास्तो पर चलते हुए उसे अपनापन भी महसूस हो रहा था| लेकिन वो परेशान भी था| क्योंकि वो अपने पिता या भाई को बिना बताये एक साहब के साथ गाँव से भाग आया था| अब वो ये सोचकर परेशान था कि वो अपने परिवार से मिलेगा तो क्या जवाब देगा?

  1. भूप दादा ने बचपन में बाबा द्वारा सुनाई जाने वाली कौन सी कहानी का जिक्र किया? 

उत्तर: भूप दादा ने रूपसिंह से पूछा की क्या तुम्हे नन्ही चिड़िया वाली वह कहानी याद है? जो बाबा बचपन में सुनाया करते थे| अगर तुम्हे याद नहीं है तो मैं तुम्हे वो कहानी सुनाता हूँ| फिर भूप दादा ने वो कहानी सुनाई- 

एक छोटी-सी चिड़िया थी| एक बार एक गिद्ध ने उस चिड़िया से कहा कि वो उसे खायेगा| चिड़िया डर गयी और बोली कि तुम मुझे क्यों खाना चाहते हो? तब उस गिद्ध ने कहा कि अगर तू आकाश में मुझसे ऊँचा उड़ गयी तो मैं तुझे नहीं खाऊंगा| चिडया की गिद्ध के सामने कोई बिसात नहीं थी| लेकिन बचने का कोई और रास्ता ना देखकर उसने गिद्ध की चुनौती स्वीकार कर ली| चिड़िया गिद्ध से ऊँचा तो उड़ नहीं सकती थी| लेकिन उसने एक युक्ति लगाई और अपनी पूरी शक्ति लगाकर वो उड़कर गिद्ध की पीठ पर बैठ गयी| अब गिद्ध आकाश में जितना भी ऊँचा उड़ता, चिड़िया उस गिद्ध से ऊपर ही रहती थी| इस तरह चिड़िया ने अपनी जान बचा ली|

  1. “मगर यहां आप अकेले हैं।” रूप ने जब दादा से ये सवाल किया तो भूप दादा ने क्या जवाब दिया?

उत्तर: रूप ने दादा भूप से कहा कि आप यहाँ पर सबसे दूर अकेले ही रहते हैं| आपने घर भी ऐसे पहाड़ पर बना रखा है जो कभी भी धंस सकता है, ये तो आत्महत्या है| आप मेरे साथ चलो| रूपसिंह की बात सुनकर भूप दादा की आँखे नम हो गयीं और वो बोला “कौन कहता है मैं यहाँ अकेला हूँ| यहाँ माँ और बाबा हैं, शैला है, सब यहीं तो सोये हुए हैं| यहाँ महीप है, मेरी बीवी है, मेरे खेत और पेड़ हैं, झरना है| इन पहाडो पर मेरे पुरखो की आत्माएं बसती हैं| वो यहाँ घूमते रहते हैं, मैं उनसे बातें करता हूँ|

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. What is the weightage of Chapter 1 of Class 12 Hindi Antra important questions?

One or two questions are usually asked from the first chapter of the Hindi Antra textbook for Class 12.

2. Is it necessary to study Hindi for Class 12?

Yes, it is very important for students to study Hindi for Class 12 if they opt for this subject in their elective choice. Hindi is our official language, and it is the language of communication in most parts of the country. Apart from that, Hindi is a scoring subject, and studying the subject well will help you score a better percentage. Furthermore, there are different career options that you can explore if you have a good grasp on the subject.

3. What does the phrase "Maine Bhramvash Jeevan sanchit, madhukariyon ki bheekh lutayi" mean?

This phrase is from the Class 12 Hindi Antra Chapter 1. This sentence takes us through the sufferings of Devasena, who fell in love with SkandaGupta. And it is because of her love for him that she lived a life of illusion that brought her many struggles and pain. When Devasena discovers the truth, she experiences a profound sense of loss. Even though he returns to her, she has no room left for love. She recalls those occasions from the past and claims that while she was under the illusion of love, she gave up all of her life’s aspirations in the form of charity.

4. What is the significance of the poet referring to Asha as Baawli?

Asha means hope. The poet signifies that although hope can save someone from drowning, it can also drive them insane. There is optimism to be found in love. But holding on to that optimism despite seeing the truth is madness. In love, we often spin a thousand other dreams, but is it worth spinning our dreams just in the hope of love.

5. What exactly led to Devasena's failure or her feeling of hopelessness?

Devasena had fallen in love with Skandagupta, but he rejected her as he loved someone else.She couldn’t give up her love for him and has spent her entire life in the agony of unfulfilled love.She had lost a close friend on this journey, and loneliness had engulfed her soul.With so much pain in her heart, she lost the strength to love or to hold on to hope, she lost all her desires and wishes. She now no longer needs the love that she once very dearly waited for!