Important Questions Class 12 Hindi Antra Chapter 15

Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 15 Sambadiya 

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CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 15 Sambadiya

 

Study Important Questions for Class -12 Hindi(Antra) Chapter – 15 संवदिया 

Important Questions for Class 12 

Hindi Antra 

Chapter 15 – संवदिया 

 

अति लघु उत्तरीय प्रश्न 

1: तीन नंबर प्लेटफॉर्म से गाड़ी किधर की ओर जाया करती थी ?

उत्तर : तीन नंबर प्लेटफॉर्म से गाड़ी थाना बिहंपुर , खगड़िया, और बरौनी की ओर जाया करती थी। 

 

2: बड़ी हवेली में गृहस्थी कौन देखता था ?

उत्तर : घर की बड़ी बहु संतरिया हवेली में गृहस्थी का सारा काम संभालती थी। 

 

3: माँ ने बड़ी बहुरिया के लिए क्या-क्या भेजा था ?

उत्तर : माँ ने बड़ी बहुरिया के लिए थोड़ा चूड़ा और बासमती का धान भेजा था। 

 

4: हरगोबिन किसका नाम लेकर पैदल चल पड़ा था ?

उत्तर : महावीर विक्रम बजरंगी का नाम लेकर हरगोबिन पैदल चल पड़ा था। 

 

5: कटिहार से जलालगढ़ कितनी दूरी पर था ?

उत्तर: कटिहार से जलाजगढ़ 20 कोस की दूरी पर था। 

 

लघु उत्तरीय प्रश्न 

6: हरगोबिन को अचरज क्यों हुआ ?

उत्तर: बड़ी बहुरिया के बुलवाने पर हरगोविंद को अचरज हुआ क्यूंकि वह जानता था कि अब गांव गांव डाकघर खुल गए हैं और ऐसे में संवदिया का क्या काम , आज तो आदमी घर बैठे ही लंका तक खबर भेज सकता है। 

 

7: गांव के लोग संवदिया को क्या समझते थे ?

उत्तर : गांव के लोग संवदिया के काम को ऐसा समझते थे जो कोई भी खली इंसान कर सकता है। उन्होंने संवदिया को लेकर ऐसी धारणा बनाई हुई थी कि वह एक कामचोर आदमी है। 

 

8: बड़ी बहुरिया के भाई और संवदिया के बीच क्या बातचीत हुई ?

उत्तर : जब हरगोबिन बड़ी बहुरिया के मायके संवाद लेकर पहुंचा तो बड़ी बहुरिया के भाई हरगोबिन को पहचान नहीं पाए। हरगोबिन ने अपना परिचय दिया तो उन्होंने अपनी बहन का समाचार पूछा। उसके उत्तर में हरगोबिन ने बताया कि बड़ी बहुरिया बिल्कुल ठीक है। 

 

9: कटिहार जंक्शन पर क्या बदलाव हुए थे ?

उत्तर : कटिहार जंक्शन में 15-20 सालों में बहुत बदलाव आ गया था। वहां अब इस स्टेशन पर उतरकर किसी से प्लेटफॉर्म के बारे में या ट्रेन के बारे में पूछने की ज़रूरत नहीं थी।  भोंपू की आवाज़ से सभी जानकारी मिल जाती थी। 

 

10: काबुली कायदा से आप क्या समझते हैं ?

उत्त्तर : काबुली व्यक्ति द्वारा बनाये गए नियम कानून काबुली कायदा कहलाते हैं। हरगोबिन के गांव में एक व्यक्ति उधार कपड़ा देने आता था। जब व्यक्ति उधार कपडा देता था तो वह बहुत विनम्रता से बात करता था लेकिन जब उधार वापस मांगने आता था तो जुल्म की हद पार कर देता था। तभी से काबुली कायदा कहावत बन गयी। 

 

लघु उत्तरीय प्रश्न 

11: संवाद सुनकर हरगोबिन की मनोदशा का वर्णन कीजिये। 

उत्तर : संवाद को सुनकर हरगोबिन दुविधा में पड़ गया था। एक तरफ उसे बड़ी बहुरिया के आदेश का भी पालन करना था और दूसरी तरफ उसे अपने गांव की इज़्ज़त भी बचानी थी। वह इस सोच में पड़ गया था कि उसे क्या करना चाहिए। उसके मन में ढेरों सवाल उसे उलझन में दाल रहे थे। 

 

12: ” साड़ी के तीन टुकड़े हो गए हैं ” लेखक ने यह बात किस सन्दर्भ में कही है ?

उत्तर : बड़ी हवेली को बड़े भैया के जाने के बाद घर के बेटों और भाइयों ने तीन टुकड़ों में बाँट रखा था। यहाँ तक कि बड़ी बहुरिया के पहने हुए गहने तक उन्होंने आपस में बाँट लिए थे। इस बात की तुलना लेखक ने द्रौपदी के चीरहरण लीला से की है। लेखक के अनुसार बड़ी बहुरिया के साथ जो घटना घटी है , वह द्रौपदी के साथ हुए चीरहरण से कम भयानक नहीं है। 

 

13: हवेली से बुलावा आने पर हरगोविंद के मन में क्या आशंका हुई ?

उत्तर : बड़ी हवेली से बड़ी बहुरिया का बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में आशंका हुई कि निश्चित ही कोई बहुत गुप्त सन्देश है जिसको लेकर किसी के पास जाना है। कोई ऐसा सन्देश जिसकी खबर चाँद , सूरज , पक्षियों, आदि को भी पता न लगे। 

 

14: खाना खाने को लेकर बड़ी बहुरिया की दशा का वर्णन करें। 

उत्तर: बड़ी बहुरिया जब अपना सन्देश मायके  भेजने के लिए हरगोबिन को कहती है तो वह घर में खाने के विषय में उसे बताते हुए कहती है कि यहाँ खाने के लिए कुछ भी नहीं है। वह बहुत दिनों से जो भी खा रही है , सब उधार ही खा रही है। हाल इतना बुरा हो गया है कि खेतों  तथा  खाली जगहों में यूँ ही उग जाने वाली बथुआ की हरी सब्ज़ी और साग खाकर ही वह गुज़ारा करती है। यह देख हवेली की स्थिति की स्थिति से ज़्यादा बुरी स्थिति तो खाने की मालूम होती थी। 

 

15: बड़ी बहुरिया की पहले की हालत और तत्कालीन हालात की तुलना करें। 

उत्तर : बड़ी बहुरिया पहले बड़ी हवेली में रानी की तरह रहती थी। शुरुआत में बड़ी बहुरिया के हाथों में मेहँदी कई दिनों तक नहीं उतरी  थी लेकिन दुर्भाग्य से बड़ी बहुरिया के पति के मरने के कुछ दिन बाद ही ऐसी गति हो गयी थी। देवरों , छोटे भाइयों ने सब हड़प लिया था। और अब बड़ी बहुरिया की दशा बहुत खराब थी। तत्काल स्थिति ऐसी हो गयी थी कि वह एक टाइम की रोटी भी मुश्किल से खा पाती थी। 

 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

16: बड़ी हवेली के जर्जर हालत पर टिप्पणी करें। 

उत्तर : जब हरगोबिंद संवदिया के रूप में बड़ी हवेली में कदम रखता है तो उसे उसके हवेली के पुराने दिन याद आ जाते हैं। जब एक समय था कि हवेली में क्या ठाट बाट रहते थे। बड़े भैया जब हवेली में रहते थे तो इस हवेली की शान अलग ही बनती थी। घर में नौकर नौकरानियों की भीड़ लगी रहती थी परन्तु अब वह दिन नहीं रहे। दिन बदल चुके थे। बड़े भैया की मौत के बाद सभी भाइयों ने बंटवारा कर दिया था। अब हवेली केवल नाम की बड़ी हवेली रह गयी थी। मकान बिल्कुल जर्जर हो गया था और यहाँ की बड़ी बहुरिया की हालत अब नौकरानियों से भी बदतर हो गयी थी। 

 

17: हरगोविंद से बात करते हुए बड़ी बहुरिया की आंखे क्यों भर आई ?

उत्तर : हरगोविंद से संवाद करते हुए बड़ी बहुरिया की आँखें अपनी खराब हालत की वजह से भर आई थीं। संवदिया की मदद से अपने हाल का संदेश अपनी माँ को भेजना चाहती थी। जब संवदिया को अपने हालत के बारे में बताती है तो वह बताते हुए अपने मन और दिल का दर्द अपनी आँखों से निकाल देती है और ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है। 

 

18: संवदिया को बड़ी बहुरिया ला संवाद उनकी माँ तक पहुंचाने में पीड़ा क्यों हो रही थी ?

उत्तर : जब संवदिया को बड़ी बहुरिया की दशा के बारे में पता चला , तभी से उसका मन भारी होने लगा था। जब वह गाड़ी में बैठा तो उससे बड़ी बहुरिया के एक एक वचन कांटे की तरह चुभ रहे थे क्यूंकि उसके लिए यह पहली बार था जा ऐसा दुःख भरा संवाद उसे लेकर जाना था। जिसमे एक दुखी बेटी अपनी माँ से मदद मांगने के लिए उन तक संदेसा पहुंचा रही है। यही बात हरगोबिन के आँखों के सामने बार बार घूम रही थी जो संवदिया को दुःखी और निराश कर रही थी। 

 

19: ” संवदिया की खूब मेहमानी होती है ” पाठ के आधार पर इस कथन के समर्थन में अपनी राय दें। 

उत्तर : संवदिया एक गांव से दूसरे गांव संवाद लेकर जाता था। वो जहाँ भी संवाद लेकर जाता था वहां उसकी खूब खातिरदारी होती थी।  वह मज़े से खाता और लम्बी यात्रा से आकर वहां थकान उतारने को आराम से सोता था। जैसे ही हरगोविंद की बहुरिया का संवाद लेकर उनकी माँ के घर पहुंचा , तब उसका बहुत ढंग से स्वागत किया गया था। यह उसका काम था। उसको आराम करने का और अपनी खातिरदारी कराने का अधिकार प्राप्त था। 

 

20: हरगोविंद बड़ी बहुरिया के संवाद को उनकी माँ से नहीं कह पाया , क्यों ?

उत्तर : एक समय पहले बड़ी बहुरिया जो बड़ी हवेली की लाड़ली बहू और उस गांव की लक्ष्मी थी। अब जब उनकी स्थिति जर्जर और दयनीय हो गयी थी तो उस स्थिति को दूसरे गांव के लोगों को यह बताना नहीं चाहता था , उसमे उसके गांव की बेइज़्ज़ती थी। उसे यह सोचकर ही बहुत शर्म आ रही थी कि उसके गांव की लक्ष्मी आज इतना दुःख झेल रही है। और वहां उसकी कोई सुनने वाला भी नहीं है। यह सब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसके रहते अपने गांव वालों के रहते हुए गांव की लक्ष्मी किसी और गांव के लोगों से मदद मांगे , यह बहुत दयनीय बात थी। अतः बड़ी बहुरिया के संवाद को उनकी माँ से नहीं कह पाया।

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. Who is the author of Class 12 Hindi Antral Chapter 2 – Aarohan?

The author of the Class 12 Hindi Antral Chapter 2 – Aarohan is Shri Sanjeev. Sri Sanjeev is a renowned author and has written various novels and stories. His writings are more emphasized in Anchalik language. This makes his writings very unique and interesting.

2. What are some of the important questions from Class 12 Hindi Antral Chapter 2 – Aarohan?

There are altogether six important questions from this chapter. Understanding the chapters well will help students answer these questions themselves. You can also download the free PDF version of important questions and solutions from Extramarks.

3. Describe mountaineering according to Class 12 Hindi Antral Chapter 2 – Aarohan.

Mountaineering is a fun activity that involves intense physical workouts. Climbing the mountains might be an uncommon thing for urbanites, people who live far away from the mountains. But it is quite common for those living in hilly area. For the native hilly dwellers, climbing the mountains is as easy as walking. These habits are developed from a young age as they have to climb up the hill every day a number of times.