Important Questions Class 12 Hindi Antral Chapter 1

Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antral Chapter 1 – Surdas Ki Jhopdi

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CBSE Class 12 Hindi Antral Important Questions Chapter 1 – Surdas Ki Jhopdi

Study Important Questions for Class 12 Hindi पाठ १: सूरदास की झोपड़ी

लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

  1. कहानी “सूरदास की झोंपड़ी” किस उपन्यास का अंश है?

उत्तर: कहानी “सूरदास की झोंपड़ी” मुंशी प्रेमचंद के एक उपन्यास “रंगभूमि” का अंश है।

  1. इस कहानी में सूरदास किस बात से आहत हैं?

उत्तर: इस कहानी में सूरदास अपनी परिस्थिति से आहत है लेकिन वो ज़्यादा पीड़ा भैरों और जगधर के द्वारा अपमानित किये जाने से महसूस कर रहा है|

  1. सूरदास की झोंपड़ी में आग किस समय लगी?

उत्तर: रात को २ बजे सूरदास की झोपड़ी में आग भड़क गयी और पूरी झोपड़ी आग के शोलो से घिर गयी|

  1. सुभागी कौन थी?

उत्तर: सुभागी, गाँव में रहने वाले भैरों की पत्नी थी|

  1. आग लगने के बाद सुभागी रातभर कहाँ छिपी रही?

उत्तर: सुभागी आग लगने के बाद डरकर रातभर मंदिर के पीछे अमरुद के बाग़ में छिपी रही|

लघु उत्तरीय (2 अंक)

  1.   आग लगने के बाद बजरंगी ने सूरदास से क्या सवाल किया?

उत्तर: आग लगने के बजरंगी ने सूरदास से सवाल किया “यह आग कैसे लगी सूरदास? कहीं तूने चूल्हे में आग तो नहीं छोड़ दी थी?”

  1. आग लगने के बाद पड़ोसियों की क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर: आग लगने के बाद पड़ोस के सभी लोग वहाँ आ गए थे| कुछ लोग पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे तो कुछ लोग बस यूँ ही खड़े शोर मचा रहे थे| लेकिन अधिकतर लोग चुप-चाप खड़े होकर झोपड़ी को जलते हुए देख रहे थे| वो ऐसे मौन खड़े थे जैसे अपने किसी मित्र के दाहसंस्कार में आये हों|

  1. आग में तबाह हुई वस्तुओं में किस वस्तु के लिए सूरदास सबसे ज्यादा दुखी था?

उत्तर: सूरदास को अपनी झोंपड़ी जलने का इतना दुःख ना था। झोपड़ी में रखे कपड़े और बर्तन आदि जलने का भी सूरदास को कोई ख़ास दुःख नहीं था। सूरदास को सबसे ज़्यादा दुःख अपनी पोटली के जल जाने का था। क्योंकि उस पोटली में उसकी जीवन भर की जमा पूंजी रखी थी|

  1. सुभागी किस बात से ज़्यादा दुखी थी?

उत्तर: सुभागी जानती थी की सूरदास की झोंपड़ी में आग भैरो ने लगाई है| भैरों ने उस पर जो आरोप लगायें थे उन आरोपों की सुभागी को चिंता नहीं थी| क्योंकि सुभागी जानती थी की कोई भी भैरो की बात का विश्वास नहीं करेगा| लेकिन सुभागी इस बात को लेकर चिंतित थी की भैरो की वजह से गरीब सूरदास का सब कुछ जलकर राख़ हो गया था|

  1. सूरदास, सुभागी को लेकर क्यों चिंतित हो रहा था?

उत्तर: सूरदास सोच रहा था कि उसकी झोपड़ी जल गयी तो वो फिर से मेहनत करके दूसरी झोपड़ी बना लेगा| उसे जो और नुकसान हुआ है, वह उस नुकसान की भरपाई भी कमाकर कर लेगा| लेकिन अब बेचारी सुभागी का क्या होगा? भैरो तो उसे अब अपने साथ रखेगा नहीं, तो वो कहाँ रहेगी कहाँ मारी-मारी फिरेगी?

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

  1. सूरदास बैठकर अपनी झोपड़ी के बारे क्या सोच रहा था?

उत्तर: सूरदास ने झोपड़ी में एक पोटली के अन्दर अपने पैसे जमा करके रखे हुए थे| जब सूरदास की झोपड़ी जलकर राख़ हो गयी और सभी लोग वहाँ से चले गए| तो सूरदास झोपड़ी के पास ही बैठा रहा और ये सोचता रहा कि शायद उसकी पोटली में रखे पैसे जले नहीं होंगे| यदि सिक्के पिंघल भी गए होंगे तो भी उन सिक्को की चांदी तो बच ही गयी होगी| सूरदास ये सोचते हुए खुद को ही कोसने लगा कि यदि वह झोपड़ी में ही सो रहा होता तो कोई झोपड़ी को आग लगाने झोपड़ी के पास आता ही नहीं| और यदि झोपड़ी को आग लगा भी देता, तो वो कम से कम अपनी पैसो की पोटली तो बाहर निकाल ही लेता|

  1. झोपड़ी जल जाने के बाद सूरदास अपनी जमापूंजी से किये जाने वाले किन-किन कार्यों के बारें में सोच रहा था?

उत्तर: सूरदास को झोपड़ी जल जाने के बाद उसमें रखी अपनी पैसो की पोटली भी नहीं मिली| तो सूरदास बैठकर विचारों में खो गया कि उसने ये पैसे कहाँ-कहाँ खर्च करने के लिए जमा किये थे| सूरदास इन पैसो से गया जाकर अपने पुरखो का पिंडदान करना चाहता था, ताकि उन्हें मुक्ति मिल सके| फिर वो सोचता था की यदि कहीं मिठुआ की सगाई पक्की हो जायेगी तो कुछ पैसे उसे दे देगा| बहु घर पर आएगी तो चैन से रोटी बनी-बनाई रोटी खाने को मिलेगी| बहुत दिनों से अपने हाथ से रोटियां बना कर खा रहा था| और बचे हुए पैसो से वो मोहल्ले में एक कुआँ खुदवाना चाहता था|

  1. निम्नलिखित वाक्यों में सही और गलत का चुनाव कीजिये।

क) सूरदास ने अपनी झोंपड़ी में पांच सौ रुपए जोड़कर रखे हुए थे।
उत्तर: सही।

ख) सूरदास की पत्नी का नाम सुभागी था।
उत्तर: नहीं।

ग) सूरदास की पूंजी जगधर ने चुरा ली थी।
उत्तर: नहीं।

घ) भैरों और जगधर दोनों भाई थे।
उत्तर: नहीं।

ड़) मिठुआ सूरदास का बेटा था।
उत्तर: सही।

च) “मेरे कारण इस पे बिपत पड़ी है। मैंने उजाड़ा है, मैं ही बसाऊंगी” ये कथन सुभागी के हैं।
उत्तर: सही।

14.निम्नलिखित कथन किसने किससे कहा है?

क) अब तो अंदर बाहर एक हो गया है। दीवारें जल रही हैं।
उत्तर: बजरंगी ने सूरदास से कहा था।

ख) तुम क्या बिगाड़ोगे, भगवान आप ही बिगाड़ देंगे। इसी तरह जब मेरे घर चोरी हुई थी, तो सब स्वाहा हो गया था।
उत्तर: ठाकुरदीन ने नायकराम से कहा था।

ग) हां सो रहूंगा, जल्दी क्या है!
उत्तर: सूरदास ने नायकराम से कहा था।

घ) मोहल्ले वाले तुम्हें भड़काएंगे, पर मैं भगवान से कहता हूं, मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता।
उत्तर: जगधर ने सूरदास से कहा था।

ड़) हां, चुपके से दियासलाई लगा दी।
उत्तर: भैरों ने जगधर से कहा था।

घ) तुम खेल में रोते हो।
उत्तर: मिठुआ के मित्र घिसू ने मिठुआ से कहा था।

  1. सुभागी ने क्या प्रण किया?

उत्तर: जब सुभागी को जगधर ने बताया की उसने सूरदास की पोटली को भैरो के हाथ में देखा था तो सुभागी ये सुनकर बोली की अब चाहे भैरो उसे कितना भी पीटे, वो उसके साथ उसके घर में ही रहेगी| आखिर थैले को रखेगा तो घर में ही| कहाँ छुपायेगा? कभी तो वो थैला मेरे हाथ लगेगा ही! मेरी वजह से ही सूरदास पर ये विपत आई है, मैंने ही उसे उजाड़ा है तो मैं ही उसे बसाउंगी भी| जब तक सूरदास का धन वापस नहीं दिला दूंगी तब तक चैन से नहीं बैठूंगी|

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

  1. तड़के सुबह जब जगधर सूरदास के पास आया तो दोनों ने किस विषय पर चर्चा की?

उत्तर: झोपड़ी जलने के अगले दिन सुबह ही जगधर सूरदास के पास गया और सूरदास से बोला “सूरदास सच कहना तुम्हे मुझ पर तो शक नहीं है? मोहल्ले वाले तुम्हें भड़काना शुरू करेंगे, पर मैं भगवान की सौगंध खाता हूं, मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता”। जगधर की बात पर सूरदास ने कहा “तुम्हारे ऊपर मैं क्यों शंका करूंगा? कौन-सा मेरी तुम से दुश्मनी है। जो होना था वह हो चुका, कौन जाने किसने लगा दी या किसकी चिलम से उड़ कर लग गई? हो सकता है चूल्हे में ही आग रह गई हो। बिना सोचे मैं किस पर शक करूं? मेरा दिल साफ है तुम्हारी ओर से|”

  1. “गरीब की हाय जानलेवा होती है” जगधर के इस कथन पर भैरों ने सूरदास के बारे में क्या कहा?

उत्तर: जगधर की बात सुनकर भैरों भड़क गया और उसने सूरदास पर आरोप लगते हुए उसे बुरा-भला कहना शुरू कर दिया| भैरो कहने लगा “वह बहुत गरीब है। अंधा होने से कोई गरीब नहीं हो जाता है। जो व्यक्ति दूसरों की औरतों को गन्दी निगाह से देखता हो, जो दूसरों को धन उधार देता हो, वह गरीब कैसे हो सकता है? गरीब तो तुम और हम हैं। पूरा घर ढूंढ लो, एक रुपया ना मिलेगा। ऐसे दुष्टों को गरीब नहीं कहते| अब भी मेरे हृदय का कांटा नहीं निकला है। जिसने मेरी आबरू बिगाड़ दी, उसके साथ चाहे जितना बुरा कर लूं, मुझे बिलकुल पाप नहीं लग सकता।

  1. “भैरों को अचानक इतने रुपए मिल गए” ये सोचकर जगधर अपने द्वारा किये गए अच्छे बुरे कामों का किस प्रकार आंकलन कर रहा था? 

उत्तर: जब जगधर को पता चला कि भैरो को एकदम से इतना पैसा मिल गया है तो जगधर इर्ष्या से जलने लगा और सोचने लगा कि किस्मत इस प्रकार खुलती है। मुझे तो कभी भी कहीं एक पैसा भी पड़ा हुआ नहीं मिला। इसमें पाप-पुण्य की तो कोई बात कहाँ हैI वह अपनी अंतरात्मा मैं जाकर टटोलने लगा की मैं ही कौन दिन भर पुण्य करता हूँI  दमड़ी-छदम-कौड़ियों के लिए दिन भर टेनी मारता हूँ। तौल वाले बात खोटे रखता हूं, तेल की मिठाई को भी घी की कह कर बेचता हूँ। ईमान गंवाने पर भी हाथ कुछ नहीं लगता। यह जानते हुए कि, यह काम बुरा है परंतु बच्चों के पालन-पोषण के लिए करना पड़ता है। भैरों ने अपना ईमान खोया तो कुछ ले कर आया, परंतु मैं अपना ईमान खोने के बाद भी गरीब ही हूँ।

  1. मेरे पास थैली-वैली कहाँ? थैली होती तो भीख मांगता? सूरदास अपने द्वार जमा किये गये पैसो के बारे में सभी से छुपाता क्यों था?

उत्तर: सूरदास अँधा था और भीख माँग कर गुज़ारा करता था| वो मानता था कि यदि लोगो को पता चल गया कि उसने पैसे जोड़कर रख रखें हैं, तो लोगो की भावना उसके बारे में बदल जायेगी| जो लोग अब उसके अंधेपन पर दया करके उसे पैसे दे देते हैं, वो उसे भीख देना बंद कर देंगे| इसलिए सूरदास लोगो से अपने द्वारा जमा किये गए धन की बात को छुपा कर रखता था| सूरदास मानता था कि किसी भिखारी के पास जमा धन पाप और अपमानजनक समझा जाता है| इसलिए जगधर ने जब उससे पूछा कि भैरो के पास जो पैसो की थैली है वो उसकी ही है क्या? तो सूरदास ने साफ़ मना कर दिया| सूरदास ने उत्तर दिया “मेरे पास थैली-वैली कहाँ? थैली होती तो भीख मांगता? होगी किसी और की।“

  1. ” तुम खेल में रोते हो“ इस कथन को सुनने के बाद, सूरदास पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: जब सूरदास झोपड़ी जलने के बाद अकेले बैठकर रो रहा था, वो अपने नुकसान से बहुत ही चिंतित और दुखी था| तब अचानक उसने सुना “तुम खेल में रोते हो” इस आवाज़ को सुनकर सूरदास एक दम से चौंक पड़ा| शायद खेलते हुए मिठुआ को किसी बच्चे ने मारा था तो वो रोने लगा था तब मिठुआ के दोस्त घिसु ने उससे ये बात कही थी| लेकिन सूरदास को लगा जैसे किसी ने सीधे उससे ही ये बात कही है| इस वाक्य का सूरदास पर गहरा प्रभाव पड़ा| सूरदास को जैसे किसी ने दुःख के सागर से कलाई पकड कर बाहर निकाल कर खड़ा कर दिया था| सूरदास चुप हो गया और सोचने लगा “वाह! मैं खेल में रोता हूँ। कितनी बुरी बात है। जब छोटे से बच्चे भी खेल में रोने को बुरा मानते हैं, तो मैं क्यों रोता हूँ? सच्चे खिलाड़ी कभी रोते नहीं| बाजी पर बाजी हार दे रहे, चोट पर चोट खाते रहे, धक्के पर धक्का सहते रहे, पर मैदान में डटे रहते हैं। उनकी हिम्मत उन्हें अकेला नहीं छोड़ती, दिल पर मालिन्य के छींटे भी नहीं आते, ना किसी से जलते हैं ना किसी से डरते हैं बस खेलते रहते हैं।“ इसके बाद सूरदास को नयी उर्जा मिल गयी और सूरदास जोश से भर गया और रात को अपने दोनों हाथों से उड़ाने लगा|

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. Who wrote the first chapter of the Class 12 Hindi Antral textbook, Surdas Ki Jhopri?

Shri Prem Chand is the author of the first chapter, Surdas ki Jhopdi. This chapter is primarily concerned with five prominent individuals.This chapter has a lot of information, all of which is highly intriguing, so studying it can be an absolute pleasure. Students who are having trouble grasping the concepts presented in the chapter can access a more in-depth explanation by going to the Extramarks website or using the Extramarks app. Students will have an easier time learning the solutions because they are written in an easy-to-understand language. The Extramarks NCERT Solutions are written by subject matter specialists who have an in-depth understanding of the topic.

2. How many questions were asked in total from the Surdas Ki Jhopdi section of the Hindi Antral Chapter 1 for Class 12?

The chapter has seven questions that the student needs to answer correctly. The NCERT solutions for Chapter 1 of Class 12 Hindi can be used as a resource for students to learn how to style their answers properly. These solutions include examples of how the responses should be formatted. The students can save time looking for the answers to the questions. The NCERT solutions have all been written with a significant amount of research, which enables them to be helpful to the students.

3. What is it about Surdas that Bhairo considers him to be his enemy?

Bhairo has an inflated sense of self-importance, because of this, he sees Surdas as an enemy. Because his pride and attitude had grown to such an extreme level, he only had one goal: to exact revenge on Surdas, a poor man. The only thing that may have triggered his rage was that Surdas had offered refuge to Bhairo’s wife after she fled an altercation with Bahiro. This behaviour of Surdas’ could not be tolerated; therefore, he set fire to the home of the unfortunate Surdas.

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4. Were Surdas and Jagdhar friends?

Surdas and Jagdhar were not friends. As soon as he learned that Bhairo had set fire to the Surdas’ Hut, he returned to his residence. When he got there, he discovered that Bhairo had not only set fire to Surdas’s cottage but that he had also robbed 500 rupees from Surdas. Bhairo would then be able to live a trouble-free life, and all of his issues would be resolved. This demonstrates Jagdhar’s jealousy nature, not the character or nature of any friend.A genuine friend will stick by your side through good and bad times.

5. Why did Bhairo's wife go to Surdas's hut, and why did she decide to stay there?

A fight broke out between Bhairo and his wife, Subhagi. This fight escalated into a more significant conflict, which prompted Subhaghi to seek refuge in Surdas’s hut. Surdas was a kind and respectful individual who kept a low profile. She was granted permission to reside in his shack. This caused Bhairo to become irrationally angry with Surdas, and he resolved to cause him damage. People have a quick temper and become hostile over petty disagreements. This occasionally gets out of hand to the point where it becomes risky behaviour. After thoroughly comprehending the chapter, you’ll be able to respond to this problem. Students shouldn’t have trouble grasping the story or the topics, as they are both fairly straightforward.